होम विदेश रूस के कामचटका से अभी टला नहीं खतरा, भूकंप के बाद ज्वालामुखी में विस्फोट… 600 साल बाद हुई घटना

रूस के कामचटका से अभी टला नहीं खतरा, भूकंप के बाद ज्वालामुखी में विस्फोट… 600 साल बाद हुई घटना

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फोटो- रूसी मीडिया

पिछले हफ्ते रूस के में कामचटका में 8.8 तीव्रता के विशाल भूकंप आया था. अब कामचटका में एक और मुसीबत दस्तक दे रही है. देश के इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने रविवार को जानकारी दी कि करीब 600 साल बाद पहली बार कामचटका ज्वालामुखी फटा है. रूसी सरकारी मीडिया की ओर से जारी फुटेज में क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी से राख का विशाल गुबार निकलता हुआ दिखाई दे रहा है, जो स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के वैश्विक ज्वालामुखी कार्यक्रम के मुताबिक आखिरी बार 1550 में फटा था, कुछ लोग इसके फटने का समय 600 साल पूर्व बता रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि ज्वालामुखी विस्फोट बुधवार को कामचटका के निकट आए भूकंप से जुड़ा हो सकता है, जिसकी वजह से फ्रेंच पोलिनेशिया और चिली तक के क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जबकि सुनामी की लहरों ने जापान, रूस और अमेरिका के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया था.

ज्वालामुखी विस्फोट से बना डर

भूकंप के बाद क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी विस्फोट से कामचटका क्षेत्र में डर का माहौल है. रूस के आपातकालीन सेवा मंत्रालय ने कहा कि कमचटका प्रायद्वीप में हुए विस्फोट के बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो विमानों के लिए बढ़े हुए खतरे का संकेत देता है. जिसकी वजह से कई उड़ाने प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि इस क्षेत्र में आबादी नहीं है, लेकिन इसके खतरनाक रूप लेने से बड़े नुकसान की आशंका है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी मंत्रालय ने टेलीग्राम पर कहा, “राख का बादल पूर्व की ओर, प्रशांत महासागर की ओर बढ़ रहा है. इसके रास्ते में कोई आबादी वाला इलाका नहीं है.”

पिछले हफ्ते आया था विनाशकारी भूकंप

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार को 8.8 तीव्रता का एक ज़बरदस्त भूकंप आया, जिससे प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठीं और जापान से लेकर हवाई और चिली तक दहशत फैल गई थी. रूस के बंदरगाह शहरों में बाढ़ आ गई, लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. ये इतिहास में दर्ज सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक था. वैज्ञानिकों ने संभावित आफ्टरशॉक्स की चेतावनी दी है और सावधानी बरतने का आग्रह किया है.

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