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अब क्या करेंगे ट्रंप? ईरान-पाकिस्तान के बीच 12 MoU साइन, 8 बिलियन तक बढ़ाएंगे व्यापार

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ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान इस समय दो दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं. रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में बैठक की. दोनों देशों के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में 12 MOU पर साइन किए गए हैं. जिनमें दोनों देशों ने अपने व्यापार को 8 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति बनाई गई हैं. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप उन देशों को धमकी दे चुके हैं, जो रूस, चीन या ईरान के साथ अपने व्यापार को बढ़ा रहा हैं. ऐसे में अब सबकी नजर ट्रंप की प्रतिक्रिया पर भी रहेगी.

मेहर न्यूज के मुताबिक बैठक के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा कि कुछ ही समय में, “हम ईरान और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों को मौजूदा 3 अरब डॉलर से बढ़ाकर 10 अरब डॉलर कर सकते हैं.” साथ ही उन्होंने 12 दिनों तक इजराइल के साथ चले युद्ध के दौरान पाकिस्तान के समर्थन पर अभार व्यक्त किया.

दोनों देसों ने साझेदारी बढ़ाने पर की सहमति

इस बैठक में पाकिस्तान वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान और ईरानी उद्योग, खान एवं व्यापार मंत्री मोहम्मद अताबक शामिल रहे. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि खान और अताबक के बीच उच्च स्तरीय चर्चा में व्यापार में तेजी लाने, सीमा संबंधी बाधाओं को दूर करने और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विश्वास आधारित साझेदारी बनाने के लिए दोनों पक्षों की ओर से नई प्रतिबद्धता दर्शाई गई है.

5-8 बिलियन तक बढ़ेगा व्यापार

वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान ने कहा कि अगर पूरी तरह से इन समझौतों का फायदा उठाया जाए, तो आने वाले सालों में पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार आसानी से सालाना 5-8 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो सकता है.

तेहरान से रवाना होने से पहले, पेजेशकियन ने कहा था कि ईरान और पाकिस्तान ने हमेशा अच्छे, ईमानदार और गहरे संबंध बनाए रखे हैं और उनकी योजना द्विपक्षीय व्यापार को सालाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की है. बता दें अभी दोनों देशों के बीच ये व्यापार करीब 3 बिलियन डॉलर का है.

ईरान-इजराइल वॉर के दौरान पाकिस्तानी मदद की सराहना

पेजेश्कियान ने भी कहा कि ज़ायोनी शासन (इजराइल) और अमेरिका की ओर से 12 दिनों तक चलाए गए ‘आतंकवादी आक्रमण’ के दौरान ईरान की रक्षा और समर्थन में पाकिस्तान की सरकार, संसद, राजनीतिक दलों और प्रतिष्ठित विद्वानों की भूमिका अत्यंत उत्साहजनक थी.

राष्ट्रपति ने ईरान पर इजराइली हमले के विरुद्ध पाकिस्तान के समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि ईरान और पाकिस्तान के बीच मित्रता इतिहासिक है और दोनों देशों के बीच मजबूत धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्ते हैं.

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