रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में ब्याज दरों में की गई एडवांस कटौती, खासकर वित्त वर्ष 2026 में त्योहारी सीजन के दौरान, कर्ज वृद्धि को बढ़ावा देकर ‘जल्दी दिवाली’ ला सकती है।
RBI monetary policy: अमेरिका द्वारा नए टैरिफ लगाए जाने और वैश्विक अनिश्चितताओं के बढ़ने के साथ, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 4 से 6 अगस्त तक होने वाली बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती की अधिक गुंजाइश हो सकती है। खासकर मुद्रास्फीति के लक्ष्य से काफी नीचे रहने और साल की दूसरी छमाही में विकास दर में मंदी के संकेतों के बीच। बता दें कि रेपो रेट में कटौती से कर्ज सस्ता होगाा। इससे आम लोगों को राहत मिल सकती है।
क्या है एसबीआई की रिपोर्ट
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई 4 से 6 अगस्त तक होने वाली आगामी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती की घोषणा कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में ब्याज दरों में की गई एडवांस कटौती, खासकर वित्त वर्ष 2026 में त्योहारी सीजन के दौरान, कर्ज वृद्धि को बढ़ावा देकर ‘जल्दी दिवाली’ ला सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि पिछले आंकड़े एक स्पष्ट रुझान दिखाते हैं, दिवाली से पहले रेपो दर में किसी भी कटौती से त्योहारी अवधि के दौरान ऋण वृद्धि में वृद्धि होती है।
क्या है अन्य रिपोर्ट
सीएनबीसी-टीवी18 की लता वेंकटेश से बात करते हुए, पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन, एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष, सिटी में भारत के मुख्य अर्थशास्त्री समीरन चक्रवर्ती, जेपी मॉर्गन में एशिया आर्थिक अनुसंधान प्रमुख साजिद चिनॉय और नोमुरा की मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा सहित शीर्ष अर्थशास्त्रियों के एक पैनल ने नीतिगत दरों के आगे के रास्ते पर अपने विचार साझा किए। समीरन चक्रवर्ती और सौम्य कांति घोष अगस्त की बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने मुद्रास्फीति में भारी गिरावट और आर्थिक गति में मंदी के संकेतों का हवाला दिया है। हालांकि, वर्मा का मानना है कि आरबीआई इस बार नरम रुख के साथ दरों को बरकरार रखेगा, जबकि चिनॉय और सेन भी वैश्विक अनिश्चितताओं और जल्दबाजी में कदम उठाने के जोखिम की ओर इशारा करते हुए कुछ समय के लिए रोक लगाने के पक्ष में हैं।