पिछले कुछ दिनों से कई मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिका के मध्य पूर्व विशेष दूत के हवाले से कहा गया था कि हमास ने हथियार डालने की इच्छा जाहिर की है. हमास ने एक बयान जारी कर ऐसी सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. हमास ने कहा है कि वह तब तक हथियार नहीं छोड़ेगा जब तक कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं हो जाती, जिसकी राजधानी यरुशलम (Jerusalem) हो.
बयान में आगे कहा गया है, “हम इस बात को साफ करते हैं कि जब तक कब्जा जारी रहेगा, प्रतिरोध और उसके हथियार एक वैध राष्ट्रीय और कानूनी अधिकार हैं. यह अधिकार अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों द्वारा मान्यता प्राप्त है, और इसे हमारे राष्ट्रीय अधिकारों की पूर्ण बहाली के अलावा और कोई नहीं छुड़ा सकता. जिसमें सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, एक स्वतंत्र, पूर्ण संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना जिसकी राजधानी यरुशलम हो.”
विटकॉफ की गाजा यात्रा पर हमास
शुक्रवार को ट्रंप के खास दूत विटकॉफ ने गाजा में विवादास्पद गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) की ओर से संचालित एक मानवीय सहायता केंद्र का दौरा किया था. हमास ने अपने बयान में इस दौरे की भी निंदा की और इसे एक ‘पूर्व-नियोजित नाटक से ज़्यादा कुछ नहीं’ बताया. हमास ने कहा कि ये दौरा इजराइल की ओर से चलाए जा रहे फिलिस्तीनियों को भूखे मारने के ऑपरेशन को कवर दे रहा है.
क्यों हुआ अमेरिकी दूत का दौरा?
विटकॉफ ने कहा कि वह गाज़ा में पांच घंटे से ज्यादा समय तक रहे. शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “इस यात्रा का मकसद राष्ट्रपति ट्रंप को मानवीय स्थिति की साफ समझ प्रदान करना और गाजा के लोगों तक भोजन और चिकित्सा सहायता पहुंचाने की योजना बनाने में मदद करना था.”
गाजा में एक क्रिटिकल केयर नर्स, एलिडालिस बर्गेस ने स्काई न्यूज़ को बताया कि वह इस अमेरिकी यात्रा को एक PR मानती हैं और अमेरिकी अधिकारियों को वास्तविकता का एक छोटा सा हिस्सा ही दिखाया जा रहा है.