Stock Market Outlook: इस सप्ताह शेयर बाजार ब्याज दर पर आरबीआई के फैसले, कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों और शुल्क संबंधी खबरों पर नजर रखेगा। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियां और ग्लोबल शेयर बाजारों के रुझान भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे।
Stock Market Outlook: इस सप्ताह शेयर बाजार ब्याज दर पर आरबीआई के फैसले, कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों और शुल्क संबंधी खबरों पर नजर रखेगा। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियां और ग्लोबल शेयर बाजारों के रुझान भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “घरेलू स्तर पर, सभी की निगाहें भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक पर होंगी, जहां महंगाई दर, नकदी और ग्रोथ को लेकर केंद्रीय बैंक की टिप्पणियों पर गहरी नजर रहेगी। रेवन्यू के मोर्चे पर भारती एयरटेल, डीएलएफ, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं।”
अमेरिकी रुख पर भी रहेगी बाजार की नजर
मिश्रा ने कहा कि अन्य महत्वपूर्ण कारकों में एचएसबीसी सेवा और समग्र पीएमआई की घोषणा, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और व्यापार वार्ता पर अमेरिकी रुख शामिल हैं। ये सभी निकट भविष्य में बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं। व्यापार संबंधी चिंताओं और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने पिछले सप्ताह बाजारों में निराशा को और बढ़ा दिया।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर एक्सपर्ट प्रवेश गौर ने कहा, “वैश्विक और घरेलू कारकों से बढ़ी अस्थिरता के बीच छह अगस्त को होने वाली आरबीआई की नीतिगत बैठक एक महत्वपूर्ण घटना होगी।”
इन कंपनियों के आएंगे तिमाही नतीजे
उन्होंने कहा कि इस बीच अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, ट्रेंट, टाइटन, भारतीय स्टेट बैंक और टाटा मोटर्स सहित कई प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं, जिससे शेयर-विशिष्ट गतिविधियों में तेजी आ सकती है। पिछले सप्ताह, बीएसई सेंसेक्स 863.18 अंक या 1.05 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी 271.65 अंक या 1.09 प्रतिशत गिरा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और रूस के साथ ऊर्जा एवं रक्षा के व्यापार के कारण जुर्माना लगाने का फैसला अप्रत्याशित था। इसने अल्पावधि में बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अमेरिकी शुल्क लागू होने, अब तक मिले-जुले नतीजों और एफआईआई की बढ़ती निकासी के बीच भारतीय शेयर बाजारों के मजबूत बने रहने की उम्मीद है।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर शेयरों को खरीदने और बेचने की सलाह नहीं देता है।)