अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने जून में मुलाकात की थी. राष्ट्रपति ट्रंप ने मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया था, उस समय सब हैरान थे कि पाक सेना प्रमुख को ट्रंप लंच पर क्यों बुला रहे हैं. इसी मुलाकात में असीम मुनीर ने अमेरिका राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार नामित किया था. अब एक और देश की ओर से ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जा सकता है.
नया नोबेल पुरस्कार नॉमिनेशन भी पिछले की तरह ही होने वाला है. हाल ही में ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड में युद्ध विराम कराया है. अब कंबोडिया, डोनाल्ड ट्रंप को थाईलैंड के साथ युद्ध विराम कराने में उनकी भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करेगा.
कंबोडिया के उप-प्रधानमंत्री सन चैंथोल ने इस कूटनीतिक सफलता के लिए ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका देश इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश करेगा. इस सफलता ने दोनों पड़ोसियों के बीच संघर्षों को खत्म कर दिया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए.
ट्रंप की भागीदारी से शांति
न्यूजवीक की खबर के मुताबिक कंबोडिया के इस बयान पर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की वैश्विक संघर्षों में प्रत्यक्ष भागीदारी, अमेरिका की सैन्य शक्ति से लेकर हमारे बेहतर उपभोक्ता बाजार तक के साधनों का लाभ उठाकर, दुनिया भर में दशकों से चल रहे युद्धों में शांति लाई है.
नोबेल शांति पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार ऐसे व्यक्ति या संगठन को दिया जाता है जिसने ‘राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा दिया हो.’ ट्रंप का नॉमिनेशन इजराइल और पाकिस्तान की ओर से पहले ही किया जा चुका है. लेकिन इसके पीछे व्हाइट हाउस द्वारा उनकी भू-राजनीतिक सौदेबाजी को समझा जा रहा है.
चान्थोल ने कहा कि ट्रंप के हस्तक्षेप के बिना, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए संभवतः कोई समझौता नहीं हो पाता, जिसमें विवादित सीमा के दोनों ओर कम से कम 45 लोग मारे गए. बता दें इस विवादित सीमा को फ्रांस द्वारा खीचा गया था, जब उन्होंने इन दोनों देशों को अपने कब्जे से आजाद करा था.