विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा भारत को निशाना बनाना चीन विरोधी रणनीति को कमजोर कर सकता है, क्योंकि भारत ही एकमात्र प्रमुख देश है जो चीन के विकल्प के रूप में उभर सकता है।
भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ और रूसी तेल और हथियार खरीद को लेकर घोषित प्रतिबंधों पर मशहूर कारोबारी और टेस्टबेड के चेयरमैन किर्क लुबिमोव ने डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की है। लुबिमोव ने इसे अमेरिका के लिए रणनीतिक तौर पर आत्मघाती नीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम चीन और ब्रिक्स को कमजोर करने के अमेरिकी लक्ष्य के खिलाफ जा सकता है।
किर्क लुबिमोव ने रविवार को एक पोस्ट में लिखा, “मैं पहले भी कह चुका हूं। आज फिर दोहराता हूं। ट्रंप की टैरिफ नीति की सबसे बड़ी समस्या है कि इसमें भू-राजनीतिक रणनीति का कोई ख्याल नहीं रखा गया है।” उन्होंने कहा कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक स्तर पर सबसे सम्मानित और प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर अमेरिका चीन के प्रभाव को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में घटाना चाहता है तो भारत सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकता है। अमेरिका खुद 50 सेंट का टूथब्रश तो बनाएगा नहीं।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और रूस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को लेकर डूब सकते हैं।” इसके साथ ही ट्रंप ने घोषणा की कि 1 अगस्त से भारत से आयातित सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लागू किया जाएगा। इसके अलावा, रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए अतिरिक्त दंडात्मक कार्रवाई भी घोषित की गई है। ट्रंप ने भारत की व्यापार नीति को सबसे कठिन और अपमानजनक बताया और दावा किया कि अमेरिका भारत के साथ बहुत कम व्यापार करता है।
भारत चीन के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार बन चुका है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत का रूसी तेल आयात 1% से भी कम था, जो अब बढ़कर 35% से ऊपर पहुंच गया है। ट्रंप ने 6 भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों के कारोबार में शामिल थीं। यह कार्रवाई अमेरिका के वैश्विक प्रतिबंध कार्यक्रम के तहत की गई है।
भारत का जवाब- “हम मरती नहीं, उभरती अर्थव्यवस्था हैं”
ट्रंप के डेड इकॉनमी वाले बयान पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। हम वैश्विक वृद्धि में 16% का योगदान दे रहे हैं।” गोयल ने कहा कि भारत अब Global Growth Engine बन चुका है।
क्या अमेरिका की नीति एशिया में असर खो देगी?
किर्क लुबिमोव ने अपने बयान में चेताते हुए कहा, “ये देश दीर्घकालिक सोचते हैं। ट्रंप का चार साल का कार्यकाल उनके लिए एक अस्थायी झटका भर है। अमेरिका को कनाडा जैसे देशों को साथ लेकर आर्थिक सहयोग की नीति अपनानी चाहिए थी, ना कि टकराव की।”
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा भारत को निशाना बनाना चीन विरोधी रणनीति को कमजोर कर सकता है, क्योंकि भारत ही एकमात्र प्रमुख देश है जो चीन के विकल्प के रूप में उभर सकता है।