राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस बारे में सोचते हैं कि स्कूली बच्चे हिंदी कैसे सीख सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री यह नहीं सोचते कि महाराष्ट्र में काम के लिए आने वाले लोग मराठी कैसे सीख सकते हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाषा विवाद के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फडणवीस यह सोचते हैं कि स्कूली बच्चों को हिंदी कैसे सिखाई जा सकती है, लेकिन इस बारे में नहीं सोचते कि राज्य में काम करने के लिए बाहर से आने वाले लोग मराठी कैसे सीख सकते हैं। पनवेल में पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह बयान दिया। उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती दी कि वह महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक के तहत परियोजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करे।
राज ठाकरे ने कहा कि भूमिपुत्र और मराठी मानुष के लिए कोई विचार नहीं है और इसका भयावह उदाहरण रायगड जिला है। किसानों से जमीन लिए जाने की ओर इशारा करते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य में उद्योग मराठी मानुष की कब्र पर नहीं बनाए जा सकते। ठाकरे ने कहा, ‘अगर आप उद्योग लाना चाहते हैं तो आपको मराठी मानुष का सम्मान करते हुए ऐसा करना होगा। इसके बिना आप ऐसा नहीं कर सकते।’ ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस बारे में सोचते हैं कि स्कूली बच्चे हिंदी कैसे सीख सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री यह नहीं सोचते कि महाराष्ट्र में काम के लिए आने वाले लोग मराठी कैसे सीख सकते हैं।
मनसे प्रमुख ने पूछा सवाल
राज ठाकरे के संबोधन के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत भी मौजूद थे। राउत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मनसे प्रमुख ने यह भी पूछा कि अगर कोई अपने राज्य के बारे में बात करता है तो उसे संकीर्ण कैसे कहा जा सकता है। यह टिप्पणी राज और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से पिछले महीने लगभग 2 दशकों के बाद एक राजनीतिक मंच साझा करने के कुछ दिनों बाद आई है, जहां उन्होंने तीन भाषाओं की नीति पर दो विवादास्पद सरकारी आदेशों को वापस लेने और पहली से 5वीं कक्षा तक के छात्रों पर हिंदी थोपने का जश्न मनाया था। राज ठाकरे का कार्यक्रम को संबोधित करना इसलिए भी अहम है क्योंकि महा विकास आघाडी में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (यूबीटी) के नेता भी मंच पर मौजूद थे।