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ईरान-पाकिस्तान बढ़ा रहे द्विपक्षीय व्यापार, क्या ट्रंप के टैरिफ का नहीं है डर?

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ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन पश्चिमी तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को दो दिनों की आधिकारिक यात्रा पर पाकिस्तान के लाहौर पहुंचे हैं. पाकिस्तान के विदेश विभाग के मुताबिक पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और संघीय आवास मंत्री रईज हुसैन पीरजादा ने पेजेशकियन का लाहौर पहुंचने पर स्वागत किया.

शनिवार सुबह पाकिस्तान रवाना होने से पहले एक ब्रीफिंग के दौरान, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने दोनों देशों के बीच मौजूदा मजबूत व्यापारिक संबंधों पर जोर दिया और अपनी यात्रा के दौरान इन संबंधों को और मज़बूत करने की आशा जाहिर की है.

ईरानी प्रेसीडेंसी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक राष्ट्रपति तेहरान में मीडिया से बात करते हुए कहा, “हाल में, दोनों देशों के बीच बहुत अच्छे व्यापारिक संबंध हैं और इस यात्रा के दौरान हम इन संबंधों को लगभग 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने के लिए काम करेंगे.”

कितना है ईरान-पाकिस्तान का व्यापार?

तेहरान और इस्लामाबाद के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, ईरान के व्यापार संवर्धन संगठन (TPO) में भारतीय उपमहाद्वीप के लिए उप-प्रमुख कर्बलाए एस्माईली ने IRNA को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मार्च 2024-मार्च 2025 में द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल के मुकाबले 13.6 फीसद बढ़कर कुल 3.129 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

इस अवधि के दौरान ईरान ने पाकिस्तान को लगभग 2.423 अरब डॉलर कीमत का सामान निर्यात किया, जबकि पाकिस्तान से आयात 70.6 करोड़ डॉलर रहा. ईरान के निर्यात में पेट्रोलियम उत्पाद, दूध पाउडर और खजूर शामिल थे, जबकि पाकिस्तान से आयातित प्रमुख उत्पाद चावल, तिलहन और विभिन्न मांस उत्पाद शामिल थे. अब इसी व्यापार को दोनों देश 10 बिलियन तक बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं.

अमेरिकी टैरिफ का डर

अमेरिका के नए राष्ट्रपति लगातार टैरिफ की धमकियां दे रहे, ट्रंप का कहना है कि वह ईरान और रूस के साथ काम करने वाले देशों और उनकी कंपनियों पर टैरिफ बढ़ाएंगे. पाकिस्तान अगर अपने व्यापार को ईरान के साथ बढ़ाता है, तो वह अमेरिका के सख्त टैरिफ का शिकार हो सकता है. हालांकि ट्रंप ने हालिया टैरिफ में पाकिस्तान पर 19 फीसद टैरिफ लगाया है, जो पड़ोसी देश बांग्लादेश और भारत से कम है.

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