न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बंगले में निर्धारित समय से अधिक वक्त तक रहने के कारणों को विस्तार से बताया था। उन्होंने कहा, ‘हमने वास्तव में अपना सामान बांध लिया है। कुछ सामान पहले ही नए घर में भेज दिया गया है।’
पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित न्यायपालिका के प्रमुख का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है। भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 8 नवंबर, 2024 को रिटायर्ड हो गए थे। हाल में नई दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित सीजेआई के आधिकारिक आवास पर उनके निर्धारित समय से अधिक वक्त तक रहने को लेकर विवाद हो गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि सामान बांध लिया गया है और वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ जल्द ही किराए पर सरकारी आवास में चले जाएंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़, उनकी पत्नी कल्पना और बेटियां प्रियंका व माही कृष्ण मेनन मार्ग, नई दिल्ली स्थित सीजेआई के आधिकारिक आवास में रह रहे थे। प्रियंका और माही दोनों दिव्यांग हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बंगले में निर्धारित समय से अधिक वक्त तक रहने के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा था, ‘हमने वास्तव में अपना सामान बांध लिया है। हमारा सामान पहले ही पूरी तरह बांधा जा चुका है। कुछ सामान पहले ही नए घर में भेज दिया गया है और कुछ यहां भंडार कक्ष में रखा हुआ है।’ वह सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र का जवाब दे रहे थे।
बेटियों की मेडिकल स्थिति का दिया हवाला
पूर्व सीजेआई ने विवाद पर दुख जताया था और अपनी बेटियों की मेडिकल स्थिति का हवाला दिया था, जिन्हें व्हीलचेयर अनुकूल घर की आवश्यकता थी। घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना से बात की थी, जो उनके उत्तराधिकारी बने थे। चंद्रचूड़ ने उन्हें बताया था कि उन्हें 14 तुगलक रोड स्थित बंगले में लौटना है, जहां वह प्रधान न्यायाधीश बनने से पहले रहते थे। न्यायमूर्ति खन्ना ने जस्टिस चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश के बंगले में ही रहने को कहा था, क्योंकि न्यायमूर्ति खन्ना आधिकारिक आवास में नहीं रहना चाहते थे।