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Indusind bank may face deeper probe as mca flags governance lapses detail here इंडसइंड बैंक की बढ़ेंगी मुश्किलें? जांच पर MCA ले सकता है यह फैसला, Business Hindi News

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इंडसइंड बैंक खराब कर्ज की पहचान करने और वायदा-विकल्प खंड में कथित अनियमितताओं से जूझ रहा है। बैंक पहले से ही आरबीआई, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अलावा भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) सहित कई प्राधिकरणों की जांच के दायरे में रहा है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 1 Aug 2025 10:23 PM

Indusind bank news: प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) को जांच के दौरान कई तरह की गड़बड़ी मिली है। ऐसे में अब MCA इस मामले को जांच महानिदेशालय को सौंपने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) को भी मामला सौंपा जा सकता है।

अगर ऐसा होता है तो यह बैंक के लिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी। हालांकि, बैंक को इस संबंध में MCA से कोई सूचना नहीं मिली है। बता दें कि बैंक पहले से ही आरबीआई, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अलावा भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) सहित कई प्राधिकरणों की जांच के दायरे में रहा है।

जून तिमाही के नतीजे

इंडसइंड बैंक का जून, 2025 को समाप्त तिमाही का मुनाफा 72 प्रतिशत घटकर 604 करोड़ रुपये रहा है। बैंक ने एक साल पहले इसी अवधि में 2,171 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। इंडसइंड बैंक को मार्च, 2025 तिमाही में 2,329 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक की कुल आय घटकर 14,420.80 करोड़ रुपये रह गई, जबकि इससे एक साल पहले इसी तिमाही में यह 14,988.38 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन अवधि में मुख्य शुद्ध ब्याज आय भी 5,408 करोड़ रुपये से घटकर 4,640 करोड़ रुपये रह गई।

हालांकि शुल्क और अन्य आय में अपेक्षाकृत सीमित गिरावट हुई, और यह आंकड़ा सालाना आधार पर 2,442 करोड़ रुपये से घटकर 2,157 करोड़ रुपये रहा। इंडसइंड बैंक का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात जून, 2025 में बढ़कर 3.64 प्रतिशत हो गया, जो मार्च, 2025 में 3.13 प्रतिशत था, लेकिन तिमाही आधार पर प्रावधान 2,522 करोड़ रुपये से घटकर 1,760 करोड़ रुपये रह गया। बता दें कि इंडसइंड बैंक खराब कर्ज की पहचान करने और वायदा-विकल्प खंड में कथित अनियमितताओं से जूझ रहा है।

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