सुनामी से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें. Image Credit source: Ambra Space Satelite
यूक्रेन के साथ युद्ध और यूरोप के साथ संबंधों में खटास के बीच रूस की मुसीबत बढ़ गई है. दो दिन पहले आई सुनामी ने उसके न्यूक्लियर सबमरीन बेस को तबाह कर दिया है. इसका खुलासा सैटेलाइट इमेजज से हुआ है. दरअसल दो दिन पहले रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 मैग्नीट्यूड ती्रवता के साथ भूकंप आया था. इसके बाद सुनामी ने तबाही मचाई थी.
सुनामी की लहरें रूस के जिस बेस से टकराई थी, वहीं प्रशांत बेड़े की अधिकांश पनडुब्बियां रहती हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इस बेस का एक हिस्सा अपनी जगह से हट गया है. माना ये भी जा रहा है कि जब सुनामी बेस से टकराई तो वहां कोई पनडुब्बी खड़ी रही होगी. हालांकि रूस की तरफ से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
अग्रिम तैनाती वाली पनडुब्बियां शामिल
रूस के इस परमाणु सबमरीन बेस पर बोरी श्रेणी और सोवियत युग की डेल्टाएं शामिल हैं, यहां अग्रिम तैनाती वाली पनडुब्बियां रहती हैं, क्योंकि ये क्षेत्र अमेरिका के सबसे नजदीक है. खास बात ये है कि यहां आए भूकंप का केंद्र लगभग 75 मील पश्चिम में अवाचा खाड़ी में स्थित है. इसी खाड़ी में पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की नौसैनिक अड्डा है, जहां से रूस की मिसाइल-लोडिंग और शिपयार्ड सुविधाएं भी होती हैं.
बंदरगाह को भी नुकसान
तस्वीरें अम्ब्रा सैटेलाइट से ली गई हैं. यह स्पेस सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) उपग्रह का उपयोग करता है, जो बादलों के आवरण को भेद सकता है.रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के रिसर्च फेलो डॉ. सिद्धार्थ कौशल से बातचीत के आधार पर द टेलीग्राफ ने लिखा है कि फिलहाल पनडुब्बी बेड़े को किसी प्रकार के नुकसान का कोई संकेत नहीं है. उनके मुताबिक ऐसा लगता है कि यहां कोई पनडुब्बी नहीं बल्कि एक सतही जहाज था जो घाट पर था.
भूकंप के प्रभाव को झेलने में सक्षम है बेस
रॉयल नेवी के रिटायर्ड कमांडर टॉम शार्प ने बताया कि बेस का एक हिस्सा मुड़ा हुआ है, जिससे इसमें अंदर आना और बाहर जाना मुश्किल होगा. ऐसा हो सकता है कि सुनामी की लहरों की वजह से ऐसा हुआ हो और उसने जेटी को मोड़ दिया. ये भी हो सकता है कि पनडुब्बियां अपने लंगरों से जोर से टकराने से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. हालांकि अम्ब्रा सैटेलाइट की अलग तस्वीरों में दो पनडुब्बियां बेस पर नजर आ रही हैं. ऐसे में एक्सपर्ट इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि यान को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुचा है तथा पनडुब्बियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले खंभों को इस तरह बनाया गया है जिससेवह भूकंप का प्रभाव झेल सके.
किसी गंभीर नुकसान की सूचना नहीं
क्रेमलिन के मुख्य प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के मुताबिक कामचटका में इमारतों को भूकंप प्रतिरोधी बनाया गया है. एक रिटायर्ड रूसी नौसेना अधिकारी के हवाले से वॉर जोन ने लिखा है कि किसी भी गंभीर नुकसान के बारे में नहीं सुना है. जिस बेस की बात की जा रही है उसे दुश्मन के परमाणु हमले की संभावना को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है.