होम देश The impact of increasing Tariff will be more on US GDP than India SBI Research टैरिफ लगाकर खुश न हों ट्रंप, भारत से कहीं ज्यादा अमेरिका की GDP पर होगा असर: रिसर्च, India News in Hindi

The impact of increasing Tariff will be more on US GDP than India SBI Research टैरिफ लगाकर खुश न हों ट्रंप, भारत से कहीं ज्यादा अमेरिका की GDP पर होगा असर: रिसर्च, India News in Hindi

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टैरिफ का सबसे अधिक असर अमेरिका के गरीब परिवारों पर पड़ेगा, क्योंकि रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं जैसे कपड़े, जूते, दवाएं और खाद्य सामग्री महंगी हो जाएंगी। जानिए भारत को लेकर क्या कहती है SBI की रिपोर्ट।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस टैरिफ का असर भारत की तुलना में अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कहीं अधिक पड़ने की संभावना है। SBI रिसर्च ने चेतावनी दी है कि यह कदम अमेरिका में उच्च महंगाई, कमजोर डॉलर और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कमी का कारण बन सकता है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह अनुमान जताया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को घोषणा की थी कि भारत से आने वाली सभी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा रूस से कच्चे तेल और रक्षा उपकरणों की खरीद करने की वजह से भारतीय उत्पादों पर अलग से जुर्माना भी लगाया गया है। एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह अमेरिका की “खराब व्यापार नीति” है, क्योंकि इससे अमेरिका की घरेलू मुद्रास्फीति और उपभोक्ता कीमतों पर ही नकारात्मक असर पड़ेगा, जबकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की ‘छिपी हुई ताकतें’ खुद को समायोजित कर भारत को कुछ राहत देंगी।

रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारत से ज्यादा झटका लग सकता है क्योंकि वहां जीडीपी में गिरावट, महंगाई में तेजी और डॉलर में कमजोरी के आसार दिख सकते हैं। एसबीआई रिसर्च का अनुमान है कि इन शुल्कों के कारण अमेरिकी उपभोक्ताओं को सालाना औसतन 2,400 डॉलर का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है। वहीं, कम आयवर्ग के परिवारों पर यह असर अपेक्षाकृत तीन गुना हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने निर्यात गंतव्यों में विविधता ला चुका है। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बना रहा, लेकिन शीर्ष 10 साझेदार देशों का कुल हिस्सा 53 प्रतिशत ही है। इससे भारत को अमेरिका पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले प्रमुख उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण, दवाएं और मशीनरी शामिल हैं। इन उत्पादों पर पहले शून्य से लेकर 10.8 प्रतिशत तक शुल्क लगता था, जो ट्रंप की घोषणा के बाद 25 प्रतिशत हो जाएगा।

एसबीआई रिसर्च ने कहा कि जेनेरिक सस्ती दवाओं के बाजार में भारत अमेरिका की लगभग 47 प्रतिशत मांग की पूर्ति करता है। यदि अमेरिका उत्पादन को घरेलू या अन्य देशों में स्थानांतरित करता है, तो इसके लिए तीन से लेकर पांच साल की जरूरत होगी। इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को दवाओं की किल्लत और मूल्य वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।

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डॉयचे बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत एवं दक्षिण एशिया) कौशिक दास ने कहा कि बिजली मशीनरी कलपुर्जे, रत्न, दवाएं, वस्त्र और रसायन जैसे क्षेत्र इस शुल्क से सर्वाधिक प्रभावित होंगे। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 43 अरब डॉलर हो गया है जो वित्त वर्ष 2012-13 में 11 अरब डॉलर था।

दास ने कहा कि अप्रैल-जून 2025 तिमाही में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 35.4 प्रतिशत बढ़कर 12.7 अरब डॉलर हो गया जो अमेरिकी बाजार में निर्यात की अग्रिम आपूर्ति का नतीजा है। इससे भारतीय निर्यातकों को शुल्क का असर समायोजित करने के लिए कुछ महीनों की मोहलत मिल जाएगी।

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