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जेलेंस्की राष्ट्रपति नहीं, उनके साथ समझौता कैसे हो… यूक्रेन से बातचीत पर पुतिन

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जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन का राष्ट्रपति जेलेंस्की को नहीं मानते, उन्होंने कहा कि जेलेंस्की जबरदस्ती पद पर बने हुए हैं, अगर उनके साथ कोई संधि या समझौता होता है तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे मान्य होगा. ऐसे समझौतों पर कानूनी चुनौती दी जा सकती है. यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत पर उन्होंने कहा कि अगर वो इंतजार करना चाहते हैं तो करें, हम भी इंतजार के लिए तैयार हैं.

यूक्रेन के साथ बातचीत के सवाल पर पुतिन ने कहा कि बातचीत हमेशा जरूरी होती है, खासकर जब ये शांति के लिए हो. जब उनसे मई के बाद अब तक दोनों देशों में बातचीत न होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेनी लीडरशिप को लगता है कि इंतजार उनके लिए अच्छा है तो हम भी इंतजार करने के लिए तैयार हैं.

जेलेंस्की के पास संवैधानिक आधार का अभाव

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि जेलेंस्की मॉस्को में सरकार बदलने की अपील करते फिर रहे हैं, जबकि उनके पास ऐसा करने का संवैधानिक आधार ही नहीं है.पुतिन का ये बयान ठीक उस वक्त आया जब एक दिन पहले ही जेलेंस्की ने यूक्रेन के समर्थक देशों से रूस सरकार गिराने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया था. पुतिन ने इस पर कहा कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था संविधान के आधार पर है, कानून के अनुपालन में ही हमारी सरकार बनी है, लेकिन यूक्रेन के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता.

अब संसद के पास हैं शक्तियां

पुतिन ने कहा कि जेलेंस्की 2019 में चुने गए थे, उनका कार्यकाल पिछले साल ही समाप्त हो चुका है, लेकिन अभी भी वह अपने पद पर बने हुए हैं. जबकि यूक्रेन के संविधान के हिसाब से अगर कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता है तो राष्ट्रपति की शक्ति संसद के अध्यक्ष को हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिए. पुतिन ने कहा कि हालांकि ये उनका आंतरिक मामला है, लेकिन रूस के साथ संभावित संधि पर अगर वो समझौता करेंगे तो उसकी वैधता पर सवाल खड़े होंगे.

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