कुवैत और चीन के बीच बढ़ रहा है रक्षा सहयोग
मध्य पूर्व इन दिनों इजराइल और ईरान के तनाव को लेकर चर्चा में है. दोनों एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं और हाल ही में 12 दिन लंबी जंग के बाद कुछ शांति आई है. ऐसे माहौल में इन दोनों देशों की सैन्य तैयारियों और हथियारों की खरीद पर नजरें बनी रहती हैं. लेकिन इसी अशांत इलाके में एक ऐसा देश है जो न तो किसी जंग में शामिल है और न ही उसका फिलहाल कोई दुश्मन है, वो है कुवैत.
हालांकि कुवैत खुद को शांत देश मानता है, लेकिन वह भी तेजी से हथियारों पर निवेश कर रहा है. खास बात ये है कि वो अब चीन के साथ मिलकर भारी संख्या में हथियार तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है, कुवैत और चीन के बीच एक अहम रक्षा परियोजना गोलाबारूद निर्माण फैक्ट्री लगभग पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन जल्द होने की संभावना है. ये जानकारी खुद कुवैत के उप रक्षा मंत्री शेख अब्दुल्ला मशाल अल-सबा ने दी है.
फैक्ट्री में बनेंगे गोलाबारूद
कुवैत टाइम्स के मुताबिक, शेख अब्दुल्ला ने ये बयान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वर्षगांठ पर चीनी दूतावास की ओर से आयोजित समारोह में दिया. उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का मील का पत्थर बताया और कहा कि 2019 से चल रहे सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों का दायरा हर साल बढ़ रहा है. हालांकि फैक्ट्री को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें हल्के और मध्यम श्रेणी के गोलाबारूद तैयार किए जाएंगे.
दो महाशक्तियों के साथ बैलेंस बनाने की कोशिश
गौर करने वाली बात ये है कि कुवैत अमेरिका का भी करीबी सैन्य साझेदार रहा है. 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिकी गठबंधन ने कुवैत को इराकी सेना से आजाद कराया था. फिलहाल वहां 13,500 अमेरिकी सैनिक और 2,200 से ज्यादा MRAP वाहन मौजूद हैं.
इसके बावजूद कुवैत चीन की ओर भी तेजी से झुक रहा है. 1995 में वह चीन के साथ सैन्य समझौता करने वाला पहला खाड़ी देश बना था. तब से चीन ने उसे 155 मिमी तोपें दी हैं और PLA के नौसैनिक दल तीन बार कुवैत का दौरा कर चुके हैं.
दुनिया का 10वां हथियार आयातक देश
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच कुवैत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा और उसने अपने आयात में 466% की बढ़ोतरी की. इसी दौरान अमेरिका ने उसके कुल हथियारों का 63% हिस्सा सप्लाई किया. टैक्टिकल रिपोर्ट नाम की एक खुफिया संस्था के अनुसार, चीन ने कुवैत की अधिकांश रक्षा ज़रूरतों को बिना शर्त पूरा करने की पेशकश भी की है. हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की जा सकी है.