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bihar kishanganj may face most name cut in new voter list what is reason बिहार के किशनगंज में जमकर घुसपैठ? नई वोटर लिस्ट में कट सकते हैं सबसे ज्यादा नाम, India News in Hindi

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बिहार की नई वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा किशनगंज जिले में नाम कटने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि इस जिले में नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश से घुसपैठ ज्यादा होती है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 1 Aug 2025 10:11 AM

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद आज यानी 01 अगस्त को वोटर लिस्ट का नया ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद 2 अगस्त से 1 सितंबर तक स्पेशल कैंपों में नाम जुड़वाने या सुधार करवाने के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करवाई जा सकती हैं। चुनाव आयोग की तरफ से जारी एसआईआर के आंकड़ों के मुताबिक 65 लाख वोटर्स के नाम चुनावी लिस्ट से कट सकते हैं। बिहार के किशनगंज जिले में सबसे ज्यादा नाम कटने की संभावना है।

क्यों होती है ज्यादा घुसपैठ?

किशनगंज जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं। सीमांचल के इस जिले में सबसे ज्यादा नाम कटने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि यह ऐसा जिला है जहां दूसरे देशों से आने वाले लोग भी बड़ी संख्या में रह रहे हैं। किशनगंज मिथिला इलाके में सीमांचल के सात जिलों में से एक है। इसकी सीमा नेपाल से लगी हुई है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल से होकर बांग्लादेश की भी दूरी यहां से ज्यादा नहीं है। ऐसे में इस इलाके में घुसपैठ ज्यादा होती है।

चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि एसआईआर के दौरान BLOs को बहुत सारे लोग ऐसे मिले जो कि नेपाल, बांग्लादेश या फिर म्यांमार से आए हैं। अब इन लोगों ने आधार कार्ड. निवास और राशन कार्ड भी बनवा लिया है। अधिकारियों ने बताया कि 1 से 30 अगस्त तक होने वाली जांच में अगर यही पाया जाता है कि वे पड़ोसी देशों के रहने वाले हैं तो फाइनल लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं किया जाएगा। 30 सितंबर को बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जानी है।

चुनाव आयोग ने इसी सप्ताह कहा था कि 91.69 प्रतिशत मतदाताओं के एन्युमरेशन फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। बिहार में कुल 7.24 वोटर दर्ज थे। हालांकि अलग-अलग कारणों से 65 लाख नाम कट सकते हैं। इनमें से 22 लाख की मौत हो चुकी है। वहीं सात लाख लोग अब अलग रहने लगे हैं। बिहार के 36 लाख ऐसे वोटर हैं जो कि कहीं से विस्थापित होकर आए हैं। हालांकि यह नहीं पता लगाया जा सका कि वे कहां से आए हैं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में स्थिति साफ होने की संभावना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि ड्राफ्ट की डिजिटल और फिजिकल कॉपी राजनीतिक दलों को उपलब्ध करवा दी जाएंगी।

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