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Trade war: आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान पर ट्रंप मेहरबान, 10 फीसदी कम किया टैरिफ

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डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के देशों पर टैरिफ लगा रहे हैं, जिसके चलते वे सुर्खियों में बने हुए हैं. वह न केवल टैरिफ लगा रहे हैं बल्कि ये भी दावा कर रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान सहित उन्होंने 6 महीने में 6 युद्ध रुकवाए हैं, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए. अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर हो रहे ट्रंप आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान पर मेहरबान हैं. उन्होंने पहले भारत पर 25 फीसदी और पाकिस्तान पर 29 फीसदी टैरिफ लगाया. इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को नई घोषणा करते हुए पाकिस्तान का टैरिफ घटा दिया है, जबकि भारत का हूबहू रखा है.

ट्रंप ने अमेरिकी रेसिपोकल ट्रेड पॉलिसी में बदलाव करते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की पुष्टि की है. साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए टैरिफ में कटौती की है और दर्जनों देशों के लिए नई दरों की एक डिटेल जारी की. कार्यकारी आदेश जारी होने के सात दिन बाद लागू होने वाली अपडेटेड टैरिफ लिस्ट में 80 से ज्यादा देशों शामिल किया गया है. भारत पर जहां 25 फीसदी का स्थिर टैरिफ लागू है, वहीं पाकिस्तान पर यह 29 फीसदी से घटाकर 19 फीसदी और बांग्लादेश पर यह 35 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है.

ट्रंप ने पाकिस्तान को लेकर क्या कहा?

पाकिस्तान को लेकर तभी अंदाजा हो गया था जब डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन ऐलान किया था कि वाशिंगटन इस्लामाबाद को उसके विशाल तेल भंडार को विकसित करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा था, ‘हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे. हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी. कौन जानता है कि शायद पाकिस्तान किसी दिन भारत को तेल बेचें.’

ट्रंप की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच हुए व्यापार समझौते के लिए डोनाल्ड ट्रंप का आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘मैं ऐतिहासिक अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसे वाशिंगटन में दोनों पक्षों द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया.’

पाकिस्तान के लिए इस डील क्या मतलब है?

दरअसल, पाकिस्तान लंबे समय से तट पर बड़े तेल भंडार होने का दावा करता रहा है, लेकिन इन भंडारों का दोहन करने में कोई प्रगति नहीं हुई है. वह इन भंडारों का दोहन करने के लिए निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान मौजूदा समय में अपनी एनर्जी जरूरतों को पूरा करने के लिए मिडिल-ईस्ट से तेल आयात करता है. पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुई डील का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, बाजार पहुंच का विस्तार करना, निवेश आकर्षित करना और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है.

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