होम देश Was asked to apprehend RSS Chief Mohan Bhagwat in Malegaon blast case, ex ATS official claims मालेगांव केस में RSS प्रमुख मोहन भागवत को पकड़ने का था दबाव, पूर्व ATS अफसर का दावा, India News in Hindi

Was asked to apprehend RSS Chief Mohan Bhagwat in Malegaon blast case, ex ATS official claims मालेगांव केस में RSS प्रमुख मोहन भागवत को पकड़ने का था दबाव, पूर्व ATS अफसर का दावा, India News in Hindi

द्वारा
Hindi NewsIndia NewsWas asked to apprehend RSS Chief Mohan Bhagwat in Malegaon blast case, ex ATS official claims

NIA की विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मालेगांव में 17 साल पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को गुरुवार को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने ये फैसला सुनाया।

Pramod Praveen भाषा, पुणेFri, 1 Aug 2025 10:32 AM

महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट मामले की जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव था और ऐसा करने के लिए कहा गया था। इस मामले में भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र ATS के रिटायर्ड इन्सपेक्टर महबूब मुजावर ने कहा कि भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश का उद्देश्य ‘भगवा आतंकवाद’ को स्थापित करना था।

उन्होंने सोलापुर में कहा कि अदालत के फैसले ने एटीएस के फर्जीवाड़े को नकार दिया है। शुरू में एटीएस ने मामले की जांच की थी, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने अपने हाथ में ले लिया था। मुजावर ने एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम लेते हुए कहा, ‘‘इस फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच को उजागर कर दिया है।’’

मोहन भागवत को ‘पकड़ने’ के लिए कहा गया था

उन्होंने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को ‘पकड़ने’ के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों… लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके।’’

ये भी पढ़ें:योर ऑनर! वापस दिलाएं मेरे पैसे…पास में थे 750 रुपये; मालेगांव केस में अनूठी मांग
ये भी पढ़ें:भगवा नहीं, हिंदू आतंकी कहें; CONG नेता ने पूछा- किसने किया मालेगांव में ब्लास्ट?
ये भी पढ़ें:हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं; मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल
ये भी पढ़ें:जब सभी निर्दोष तो मालेगांव विस्फोट का असली दोषी कौन? आजमी बोले- नहीं मिला न्याय

आदेश नहीं माना तो झूठे मामले में फंसाया

मुजावर ने कहा कि दरअसल, उन्होंने उनका पालन नहीं किया क्योंकि उन्हें हकीकत पता थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।’’ पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास अपने दावों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। सब कुछ फर्जी था।’’

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

एक टिप्पणी छोड़ें

संस्कृति, राजनीति और गाँवो की

सच्ची आवाज़

© कॉपीराइट 2025 – सभी अधिकार सुरक्षित। डिजाइन और मगध संदेश द्वारा विकसित किया गया