होम विदेश 1000 एकड़ जमीन पर दो देशों का दशकों पुराना झगड़ा खत्म, विवादित जगह पर अब बनेगा सोलर फार्म

1000 एकड़ जमीन पर दो देशों का दशकों पुराना झगड़ा खत्म, विवादित जगह पर अब बनेगा सोलर फार्म

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इटली और वेटिकन सिटी के बीच जमीनी विवाद सुलझा.

इटली और वेटिकन सिटी के बीच करीब 70 साल पुराना जमीनी विवाद अब सुलझ गया है. रोम के उत्तर में स्थित 1000 एकड़ की विवादित जमीन को अब एक बहुत बड़े सोलर फार्म में बदला जाएगा. गुरुवार को दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद इस परियोजना की घोषणा की गई, जिसका मकसद है वेटिकन को दुनिया का पहला कार्बन न्यूट्रल देश बनाना.

ये परियोजना पूर्व ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के पर्यावरणीय विजन को जमीन पर उतारने की कोशिश है. उन्होंने पिछले साल इस जमीन पर सोलर फार्म की संभावनाओं का अध्ययन करने का निर्देश दिया था. उनकी इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए पोप लियो XIV ने जून में इस क्षेत्र का दौरा किया और परियोजना को पूरा कराने का संकल्प दोहराया. अब यह सपना समझौते के रूप में हकीकत की ओर बढ़ चला है.

क्या था विवाद, इसे समझिए

विवादित जमीन सांता मारिया गालेरिया नाम के क्षेत्र में स्थित है, जो लंबे समय से वेटिकन रेडियो के प्रसारण टावरों के चलते चर्चा में रही है. 1950 के दशक से यहां मौजूद इन टावरों से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों को लेकर स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं जताई थीं. खासकर बच्चों में ल्यूकीमिया के कुछ मामलों को इससे जोड़ा गया. हालांकि, वेटिकन ने इन दावों को नकार दिया था.

1990 के दशक में जब इस क्षेत्र में रेडियो तरंगों को लेकर विवाद चरम पर था, तब स्थानीय लोगों ने वेटिकन रेडियो के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया था. हालांकि, अदालत ने टावरों को नियमों के अनुरूप बताया. 2012 में वेटिकन ने प्रसारण घंटों को आधा कर दिया था, लेकिन इसका कारण स्वास्थ्य नहीं बल्कि इंटरनेट आधारित तकनीकी बदलाव और लागत में कटौती था.

पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने का वादा

वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सोलर फार्म विकसित करते समय कृषि इस्तेमाल को बरकरार रखा जाएगा और पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़े, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. इस समझौते पर वेटिकन के विदेश मंत्री आर्चबिशप पॉल गैलाघर और इटली में वेटिकन के राजदूत फ्रांसेस्को डी निटो ने हस्ताक्षर किए. चूंकि समझौते के आर्थिक पक्ष भी हैं, इसलिए इसे इटली की संसद की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है.

वेटिकन को टैक्स में छूट, इटली को EU लक्ष्य में मदद

हालांकि इस डील के वित्तीय विवरण साझा नहीं किए गए हैं, लेकिन वेटिकन को इटली से सोलर पैनल मंगवाने पर टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, वो उन सरकारी सब्सिडी का फायदा नहीं ले पाएगा जो आमतौर पर इटली के नागरिकों को सोलर प्रोजेक्ट पर मिलती हैं. इटली इस जमीन को यूरोपीय संघ के क्लीन एनर्जी टारगेट्स में शामिल कर सकेगा. वेटिकन अधिकारियों का अनुमान है कि इस सोलर फार्म के निर्माण में 100 मिलियन यूरो से कम लागत आएगी.

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