होम बिज़नेस tata trusts approved another five year extension for N Chandrasekaran as a chairman of Tata Sons एन चंद्रशेखरन को फिर मिली टाटा संस की कमान, IPO का इंतजार कर रहे निवेशकों को झटका, Business Hindi News

tata trusts approved another five year extension for N Chandrasekaran as a chairman of Tata Sons एन चंद्रशेखरन को फिर मिली टाटा संस की कमान, IPO का इंतजार कर रहे निवेशकों को झटका, Business Hindi News

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टाटा संस (Tata Sons) की कमान एक बार फिर से एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को सौंप दी गई है। उन्हें 5 साल के लिए टाटा संस का चेयरमैन (chairman of Tata Sons) नियुक्त किया गया है।

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानFri, 1 Aug 2025 07:49 AM

टाटा संस (Tata Sons) की कमान एक बार फिर से एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को सौंप दी गई है। उन्हें 5 साल के लिए टाटा संस का चेयरमैन (chairman of Tata Sons) नियुक्त किया गया है। टाटा ट्रस्ट्स में सभी की सहमति के बाद यह फैसला किया गया है। यह फैसला दर्शाता है कि टाटा समूह अपने लीडरशीप में स्थिरता को देख रहा है। वहीं, सर रतन टाटा ट्रस्ट (Sir Ratan Tata Trust) और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) के सभी ट्रस्टियों ने टाटा संस को प्राइवेट संस्था बनाए रखने पर सहमति जताई है। इसके अलावा शापूरजी पालोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) के संभावित एक्जिट को लेकर भी चर्चा शुरू कर दी गई है। टाटा ट्रस्ट का यह नया फैसला मौजूदा शेयरहोल्डर्स के परिवर्तन के बीच स्थिरता के रास्तों को तलाशता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें, टाटा संस को प्राइवेट बनाए रखने के फैसले ने आईपीओ (IPO News) की उम्मीद लगाए निवेशकों के लिए बड़ा झटका है।

एन चंद्रशेखरन ने टाटा संस को अक्टूबर 2016 में ज्वाइन किया था। उन्हें जनवरी 2017 में टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। उनकी अगुवाई में ग्रुप का रेवन्यू लगभग दोगुना हो गया। वहीं, नेट प्रॉफिट तीन गुना बढ़ा है।

टाटा ट्रस्ट के पास कितनी हिस्सेदारी

टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की कुल 66 प्रतिशत की है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एन चंद्रशेखरन ने साबित है कि उनके पास पर शानदार रिजल्ट देने की क्षमता है। उनकी लीडरशिप स्थिरता और ग्रोथ दिखाता है। सभी ट्रस्टियों का एन चंद्रशेखरन पर भरोसा कायम है।

रिपोर्ट के अनुसार मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “चंद्रशेखरन एक अनुभवी और योग्य व्यक्ति हैं। उनकी क्षमता से नए बिजनेस में निवेश के जरिए ग्रोथ और तेजी हासिल की जा सकेगी। वहीं, उनकी अगुवाई में टाटा संस एक टाटा ट्रस्ट्स की इच्छा के मुताबिक एक प्राइवेट संस्था बनी रहेगी।” हालांकि, एन चंद्रशेखरन के लिए चुनौतियां कम नहीं होंगी। उन्हें एसपी ग्रुप के निकासी के रास्ते तलाशने होंगे। शापूरजी पालोनजी ग्रुप की टाटा में हिस्सेदारी 18.37 प्रतिशत है।

क्यों हैं टाटा संस पर आईपीओ लाने का दबाव

2022 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी में क्लासिफाइड किया था। जिसके अनुसार सितंबर 2025 तक टाटा संस की लिस्टिंग अनिवार्य हो गई थी। लेकिन तब कंपनी ने आरबीआई के पार रजिस्ट्रेशन रद्द और लिस्टिंग में छूट देने के लिए आवेदन किया था। बता दें, टाटा संस को कर्ज लेने से बचना होगा।

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