विधि संवाददाता, देवघर : एडीजे तीन सह पॉक्साे एक्ट स्पेशल जज राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में चल रहे पॉक्सो एक्ट केस की सुनवाई पूरी गयी, पश्चात इस मामले के दोषी विपुल कुमार दास को दोषी पाकर छह साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही उसे 1.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो राशि पीड़िता को देय होगी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल की सश्रम कैद की सजा काटनी होगी. सजायाफ्ता पाथरौल थाना के गौनेया गांव का रहने वाला युवक है. पीड़िता के शिकायत पर साइबर थाना देवघर में 11 सितंबर 2024 को अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से छह लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी और दोष सिद्ध करने में कामयाब रहा. अभियोजन पक्ष से स्पेशल लोक अभियोजक अजय कुमार साह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह निराला ने पक्ष रखा.
क्या था मामला
जिले के पाथरौल थाना के एक गांव की रहने वाली नाबालिग लड़की ने साइबर थाना में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करायी थी. दर्ज मुकदमा के अनुसार उनके नाम का कोई फेक आइडी बना कर लिया था तथा उसमें पीड़िता व उनकी बहन की अश्लील तस्वीर वायरल कर दिया था. साथ ही भद्दा-भद्दा संवाद भी लिखा था. जांच के पश्चात साइबर थाना की पुलिस ने उपरोक्त आरोपित के नाम का खुलासा किया. केस का स्पीडी ट्रायल चला एवं आरोपित को पॉक्सो एक्ट की धारा 14 (1) में दोषी पाकर छह साल, आइटी एक्ट की धारा 67 में दो साल एवं 67 (ए) में तीन साल की सजा सुनायी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. इस मामले में महज 10 माह के अंदर फैसला आया और पीड़िता को त्वरित न्याय मिला.
हाइलाइट्स
– एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया-पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से आया फैसला-सोशल मीडिया में फेक आइडी बनाकर किया था अश्लील तस्वीर वायरल-साइबर थाना देवघर में दर्ज हुआ था 11 सितंबर 2024 को एफआइआर
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