केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के लिए बजटीय परिव्यय 1,920 करोड़ रुपये बढ़ाकर 6,520 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी।
PMKSY scheme: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए खर्च को 1,920 करोड़ रुपये बढ़ाकर 6,520 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी है। वहीं, PMKSY को 4,600 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ चालू वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) में मुहैया की जाने वाली बढ़ी हुई धनराशि का उपयोग 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक के फैसले के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने जो रकम अलॉट की है उसमें 1000 करोड़ रुपये सब-स्कीम एकीकृत कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (ICCVAI) के तहत 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और 100 एनएबीएल-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए निर्धारित किए गए हैं। ये पहल केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं के अनुरूप हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अनुसार 50 इकाइयों से प्रोसेसिंग खाद्य पदार्थों के प्रकार के आधार पर, प्रति वर्ष 20 से 30 लाख मीट्रिक टन (LMT) तक की अतिरिक्त क्षमता सृजित होने की उम्मीद है। वहीं, निजी क्षेत्र में प्रस्तावित 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्देश्य खाद्य नमूनों के विश्लेषण के लिए अपग्रेडेड इंफ्रा विकसित करना है। मंत्रालय के मुताबिक ये सुविधाएं खाद्य सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने और बाजार में सुरक्षित, गुणवत्ता-संगत खाद्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।
योजना के बारे में
आपको बता दें कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 2017-18 से ही प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना को क्रियान्वित करता आ रहा है। योजना का उद्देश्य खेत से लेकर रिटेल स्टोर तक स्किल्ड सप्लाय चेन मैनेजमेंट के साथ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है। योजना में कई सब-स्कीम भी शामिल हैं।