Jane Street trading probe: सेबी ने तीन जुलाई को दिए अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट (जेएस) को भारी मुनाफा कमाने के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट्स के साथ-साथ कैश में भी दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया।
Jane Street trading probe: बाजार में हेरफेर की आरोपी अमेरिकी स्वामित्व वाली ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट से जुड़े मामले में अब आयकर विभाग ने एंट्री ली है। आयकर विभाग ने गुरुवार जेन स्ट्रीट के खिलाफ कथित टैक्स चोरी की जांच के तहत कुछ ब्रोकिंग कंपनियों के परिसरों में सर्वेक्षण अभियान चलाया।
न्यूज एजेंसी पीटीआई सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग जेन स्ट्रीट के खिलाफ हाल ही में पूंजी बाजार नियामक सेबी की कार्रवाई की पृष्ठभूमि में वेरिफिकेशन अभियान चला रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने नुवामा वेल्थ एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के कार्यालयों की तलाशी की है। इस कंपनी को पहले एडलवाइस ब्रोकिंग के नाम से जाना जाता था। नुवामा भारत में इस वैश्विक कंपनी यानी जेन स्ट्रीट का ऑन-ग्राउंड ट्रेडिंग पार्टनर था।
3 जुलाई को सेबी ने दिया था आदेश
बता दें कि सेबी ने तीन जुलाई को दिए अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट (जेएस) को भारी मुनाफा कमाने के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट्स के साथ-साथ कैश में भी दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया। इससे, सेबी ने हेज फंड को बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया और 4,843 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ जब्त कर लिया। जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी, 2023 से मई, 2025 तक की जांच अवधि के दौरान शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। बता दें कि हेज फंड निजी और नॉन-रजिस्टर्ड निवेश कोष होता है।
21 जुलाई को सेबी ने दी राहत
हालांकि, 21 जुलाई को सेबी ने जेन स्ट्रीट को कारोबार फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी, जब कंपनी ने एस्क्रो खाते में 4,843.57 करोड़ रुपये की अनिवार्य राशि जमा कर दी। हाल ही में सेबी ने सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए शेयर बाजारों को जेन स्ट्रीट समूह के लेनदेन और स्थिति पर लगातार नजर रखने का भी निर्देश दिया है। नियामक ने कहा कि वह उचित प्रक्रिया का पालन करने और प्रतिभूति बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।