क्रेडाई और सीआरई मैट्रिक्स के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में घरों की बिक्री 5% घटकर 2.53 लाख इकाई रह गई है, लेकिन मूल्य के लिहाज से यह 9% बढ़कर 3.59 लाख करोड़ रुपये रही है।
बीते कुछ महीनों से महानगरों में लोग घर खरीदने से बचते नजर आ रहे हैं। इसके संकेत रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय क्रेडाई और आंकड़ा विश्लेषक कंपनी सीआरई मैट्रिक्स की एक रिपोर्ट के जरिए मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में घरों की बिक्री 5% घटकर 2.53 लाख इकाई रह गई है, लेकिन मूल्य के लिहाज से यह 9% बढ़कर 3.59 लाख करोड़ रुपये रही है। बता दें कि क्रेडाई और सीआरई मैट्रिक्स ने भारत के आठ शहरों – बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद के प्राथमिक आवास बाजार पर एक रिपोर्ट जारी की।
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार जनवरी-जून, 2025 के दौरान इन आठ शहरों में घरों की बिक्री पांच प्रतिशत घटकर 2,53,119 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 2,67,219 इकाई थी। आवासीय संपत्तियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण 2025 की पहली छमाही में मूल्य के संदर्भ में बिक्री नौ प्रतिशत बढ़कर 3,59,373 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3,30,750 करोड़ रुपये थी।
क्या कहा क्रेडाई के हेड ने?
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा- हम पूरे भारत में घर खरीदारों की प्राथमिकताओं में एक निर्णायक बदलाव देख रहे हैं। मांग स्पष्ट रूप से बड़े, बेहतर स्थान वाले और ज़्यादा प्रीमियम घरों की ओर बढ़ रही है – जो बढ़ती आकांक्षाओं और बेहतर क्रय शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कम मात्रा के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आवास मूल्य में 21 प्रतिशत की वृद्धि स्पष्ट संकेत है कि गुणवत्ता और स्थान अब मात्रा से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
सीआरई मैट्रिक्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक अभिषेक किरण गुप्ता ने कहा कि पहली श्रेणी का आवास बाजार मूल्य-आधारित वृद्धि के एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में बिक्री का औसत आकार 1.24 करोड़ रुपये से 14 प्रतिशत बढ़कर 1.42 करोड़ रुपये हो गया है। यानी ग्राहकों ने औसतन 1.42 करोड़ रुपये मूल्य के घर खरीदे हैं।