अहमद अल शरा
सीरिया में साल 2024 में 24 साल से सत्ता पर काबिज बशर अल असद की हुकूमत का तख्तापलट हो गया था. इसके पीछे थे अल-शरा जिनका अतीत अल कायदा जैसे संगठनों से जुड़ चुका है. अब उन्हीं के हाथ देश की कमान है. सीरिया को पटरी पर लाने के लिए वे अमेरिका के साथ साथ दुनिया के कई बड़ी ताकतों से संबंध बनाने की कोशिशों में जुटे हैं.
इसी बीच खबर है कि अहमद अल शरा अब उसी रूस से दोस्ती की पहल कर रहे हैं जिसने कभी असद को बचाने के लिए सीरिया में दखल दिया था. तख्तापलट के बाद पहली बार सीरिया के नए विदेश मंत्री असद अल-शिबानी रूस की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं.
मीटिंग का एजेंडा क्या है?
गुरुवार को वो मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि दोनों के बीच सीरिया-रूस रिश्तों को नई दिशा देने पर चर्चा होगी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात होगी.
रूस ने कभी बशर अल-असद की सत्ता बचाने के लिए सीरिया में दखल दिया था. लेकिन जब पिछले साल विद्रोहियों ने दमिश्क पर चढ़ाई कर दी और असद को सत्ता से बेदखल कर दिया, तो रूस ने दोबारा हस्तक्षेप नहीं किया. असद ने बाद में दावा किया था कि वो तो लड़ाई जारी रखना चाहते थे लेकिन रूस ने उन्हें दमिश्क से निकालकर अपने हेमीमिम एयरबेस पहुंचा दिया.
पुतिन के साथ हो चुकी है बातचीत
अल-शरा और पुतिन के बीच पहले ही फोन पर बातचीत हो चुकी है, जिसे क्रेमलिन ने रचनात्मक और व्यवसायिक बताया था. इसके अलावा जनवरी में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल दमिश्क गया था. रूसी सेनाएं अब भी सीरिया के तटीय इलाकों में मौजूद हैं और खबर है कि रूस ने हाल ही में सीरिया को तेल की आपूर्ति भी की है. सीरियाई राष्ट्रपति अल शरा ने इजराइली हमलों और ड्रूज अल्पसंख्यकों के खिलाफ झड़पों में रूस के स्पष्ट विरोध के लिए खुलकर शुक्रिया अदा किया है.