कोकाटे उस समय विवादों में घिर गए थे जब एनसीपी (सपा) विधायक रोहित पवार ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कृषि मंत्री राज्य विधान परिषद के मॉनसून सत्र के दौरान अपने फोन पर एक ऑनलाइन कार्ड गेम खेलते नजर आ रहे थे।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी चीफ अजित पवार की नाराजगी सदन में रमी खेलने वाले कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे से कम नहीं हुई है। खबर है कि पवार उनका विभाग बदलने वाले हैं और कोकाटे से कृषि मंत्रालय की जिम्मेवारी वापस ली जा सकती है। कोकाटे, पिछले दिनों राज्य विधान परिषद में ऑनलाइन कार्ड गेम खेलते हुए पकड़े जाने के बाद से ही विवादों में घिर हुए हैं। अब खबर है कि उन्हें खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है, जबकि उनकी जगह दत्तात्रेय भारणे को कृषि मंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है। भारणे फिलहाल खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं।
मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख अजित पवार ने गुरुवार सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक अहम बैठक की, जिसम यह निर्णय लिया गया।
पुणे की इंदापुर सीट से तीन बार विधायक रह चुके भरणे को पवार का करीबी माना जाता है। वह 2019 से मंत्रिपरिषद का हिस्सा हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने शरद पवार गुट वाले एनसीपी के कद्दावर नेता हर्षवर्धन पाटिल को 19,000 से ज़्यादा वोटों से हराया था। माना जा रहा है कि पवार ने विभागों की अदला-बदली के अपने फैसले से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अवगत करा दिया है। फडणवीस भी कोकाटे के इस विवाद से नाराज बताए जा रहे हैं।
NCP के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पवार ने कोकाटे को पहले भी कई मौकों पर चेतावनी दी थी लेकिन अब उन्होंने कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। नेता ने कहा, “सज़ा धनंजय मुंडे जितनी कड़ी नहीं होगी क्योंकि कोकाटे को राज्य मंत्रिमंडल से नहीं हटाया जाएगा। उनका सिर्फ विभाग बदल दिया जाएगा। उन्हें खेल एवं युवा कल्याण विभाग दिया जाएगा और उनका कृषि विभाग दत्तात्रेय भरणे को सौंप दिया जाएगा।”
बता दें कि धनंजय मुंडे को इस साल मार्च में इस्तीफा देना पड़ा था जब उनके करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड को बीड जिले में एक ग्राम प्रधान या सरपंच की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। इस बीच, माणिकराव कोकाटे ने राज्य मंत्रिमंडल में अपने बने रहने पर जारी अटकलों के बीच बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्होंने न तो इस्तीफा देने की पेशकश की है और न ही एनीपी चीफ या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे पद छोड़ने के लिए कहा है।