चीन चावल का उत्पादन में भारत के बाद दूसरे पायदान पर है लेकिन थाइलैंड चावल एक्सपोर्ट करने में ड्रैगन को पीछे छोड़ता है.
चीन कई मामलों में दुनिया के ज्यादातर देशों को टक्कर देता है , लेकिन चावल के मामले में मात्र 7 करोड़ आबादी वाला थाइलैंड 141 करोड़ जनसंख्या वाले चीन को मात देता है. चावल प्रोडक्शन के मामले में दुनियाभर में भारत और चीन का डंका बजता है, लेकिन थाइलैंड इसी चावल से चीन को मात देता है. चीन वो देश है जहां दुनिया में सबसे ज्यादा चावल पैदा होता है, लेकिन थाइलैंड इसमें एक कदम आगे है.
चीन भले ही चावल के उत्पादन में दुनिया में सबसे आगे है, लेकिन चावल को एक्सपोर्ट करने के मामले में थाइलैंड ड्रैगन को मात देता है. भारत के बाद थाइलैंड दुनिया को सबसे ज्यादा चावल एक्सपोर्ट करने वाला देश है.
सबसे ज्यादा चावल पैदा करके भी चीन क्यों पिछड़ जाता है?
चीन एक साल में 145 मिलियन मीट्रिक टन चावल का उत्पादन करता है. दुनियाभर में जितना भी चावल उगता है उसका 27 फीसदी अकेले चीन उगाता है. वहीं, थाइलैंड हर साल मात्र 21 मिलियन मीट्रिक टन चावल उगाता है. अब सवाल उठता है कि चीन इतना ज्यादा चावल उगाकर भी पिछड़ क्यों जाता है?
इस सवाल का जवाब है चीन की आबादी. थाइलैंड की आबादी मात्र 7 करोड़ है. जो चावल को उगाने के बाद उसे बड़े स्तर पर एक्सपोर्ट भी कर लेता है, लेकिन चीन की आबादी 141 करोड़ है. देश की आबादी के कारण ही चीन में चावल की इतनी खपत हो जाती है कि एक्सपोर्ट के मामले में दुनिया के कई देशों से पिछड़ जाता है. यही वजह है कि चावल एक्सपोर्ट करने के मामले में चीन नौवे नम्बर पर है. जबकि चावल की पैदावार में भारत के बाद दूसरे पायदान पर है.
थाइलैंड का चावल कितना खास?
थाइलैंड में मुख्यतौर पर 4 कैटेगरी के चावल उगाए जाते हैं. इनकी कई सब-किस्म की तैयार की गई हैं. इस तरह 4 कैटेगरी के चावलों की कुल 20 से अधिक कैटेगरी हैं. लेकिन सबसे ज्यादा जो पॉपुलर है वो है जैस्मिन और स्टिकी राइस.
- जैस्मिन राइस: यह थाइलैंड का सबसे पापुलर चावल है. इसकी पहचान इसकी खुशबू और लम्बाई से होती है. यह खासतौर पर उत्तरी-पूर्वी थाइलैंड में उगता है. KDML 105 और RD15 इसकी सबकिस्में हैं.
- ग्लूटिनस राइस: इसे ही स्टिकी चावल कहते हैं क्योंकि यह पकने पर चिपचिपा हो जाता है. इसका इस्तेमाल मिठाइयों, थाइलैंड के पारंपरिक व्यंजन और स्ट्रीट फूड में होता है. इसका सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तरी और उत्तर-पूर्वी थाइलैंड में होता है. RD6 इसकी ही किस्म है.
- सफेद धान: इस चावल के दाने लम्बे और मध्यम दोनों होते हैं. हालांकि, इसमें खुशबू कम होती है, लेकिन रोजमर्रा की लाइफ इसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. सेंट्रल थाइलैंड में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन होता है.
- ब्राउन और स्पेशल्टी राइस: इसे हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है. इसमें चोकर रहता है. ब्राउन जैस्मिन राइस और रेड कार्गो राइस इसकी किस्में हैं.
दुनिया में क्यों है पॉपुलर?
थाइलैंड का चावल दुनियाभर में पॉपुलर है. इसकी क्वालिटी और खुशबू इसे अलग बनाती हैं. हर साल थाइलैंड 7,500 हजार मीट्रिक टन दुनिय के अलग-अलग देशों को भेजता है. साल 2020 में यहां के चावल Hom Mali Rice (थाई जैस्मिन) को दुनिया का बेस्ट राइस अवॉर्ड मिला था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में थाई चावल को प्रीमियम ब्रांड माना जाता है.

थाइलैंड का जैस्मिन राइस. फोटो: Unsplash
थाइलैंड किसे एक्सपोर्ट करता है चावल?
इंडोनेशिया, अमेरिका, अफ्रीकी देश, मिडिल ईस्ट ये वो देश हैं जहां थाइलैंड अपना सबसे ज्यादा चावल एक्सपोर्ट करता है. इस तरह चावल के जरिए थाइलैंड ने दुनिया के एक बड़े हिस्से में अपना कब्जा किया हुआ है.
यह भी पढ़ें: भारत पर 25% टैरिफ लगाने वाले ट्रंप के लिए भारतीय कितने जरूरी? 10 वजह