अमित शाह ने संसद में कहा था कि नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अक्साई चीन का 38,000 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र गंवा दिया था। पीएम मोदी ने भी यही बात कही। उन्होंने सिंधु जल संधि समझौते की भी आलोचना की।
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष पर हमलावर नजर आए। इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी विपक्ष के सवालों का चुन-चुनकर जवाब दिया। इस दौरान सत्ता पक्ष की तरकश से एक पर एक सियासी तीर निकले। संसद में जारी बहस के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध का भी जिक्र हुआ। पीएम मोदी के साथ-साथ अमित शाह ने भी पाकिस्तान और चीन से लगने वाली सीमा पर जारी विवाद के लिए नेहरू की ‘भूल’ को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान अमित शाह ने अपने गंजे सिर का जिक्र कर संसद की एक ऐतिहासिक घटना के बारे में बताया। उस समय पूरा सदन ठाहकों से गूंज उठा।
अमित शाह ने संसद में कहा था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अक्साई चीन का 38,000 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र गंवा दिया था। पीएम मोदी ने भी यही बात कही। उन्होंने सिंधु जल संधि समझौते की आलोचना की थी और कहा था कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने बड़ी भूल की थी।
क्या कहा अमित शाह ने?
अमित शाह ने चीन के कब्जे में गई भारतीय जमीन का जिक्र करते हुए कहा कि 1962 के युद्ध के बाद 38 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन का हिस्सा चीन को दे दिया गया। नेहरू ने कहा था कि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता है। उस जगह का क्या करूंगा। शाह ने अपने गंजे सिर पर हाथ रखते हुए कहा, ‘नेहरू जी का सिर मेरा जैसा था। उस समय एक सांसद महावीर प्रसाद त्यागी जी ने कहा कि आपके सिर पर एक बाल नहीं वो भी चीन को दे दें क्या?’
कौन थे महावीर प्रसाद त्यागी?
आपको बता दें कि महावीर त्यागी लगातार 3 बार सांसद रहे। वह मंत्री भी रहे। वह देहरादून, बिजनौर और उत्तर पश्चिम सहारनपुर सीट से 1952, 1957 तथा 1962 में लोकसभा सांसद चुने गए। वह कांग्रेस पार्टी में शामिल थे। इसके बावजूद वह नेहरू की नीतियों के मुखर आलोचक थे। वह 1951 से 1953 तक केंद्रीय राजस्व मंत्री रहे। उन्होंने साल 1962 में चीन द्वारा भारत भूमि पर कब्जा करने के बाद अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बयान की आलोचना करते हुए भरी संसद में अपनी टोपी उतार कर अपने गंजे सिर को सहलाते हुए उसे बंजर तक कह दिया था।
आपको बता दें कि बीते मंगलवार को पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा था, ‘‘आज जो लोग पूछ रहे हैं कि पीओके को वापस क्यों नहीं लिया, उन्हें सबसे पहले इस सवाल का जवाब देना होगा कि किसकी सरकार ने इस क्षेत्र पर पाकिस्तान को कब्जा करने का अवसर दिया था?’’ अमित शाह ने आरोप लगाया था कि पीओके का अस्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कारण है और पाकिस्तान ‘कांग्रेस की भूल’ है।