सऊदी में कैप्टागन ड्रग डीलर्स को दी जा रही है फांसी.
सऊदी अरब में एक नशे की गोली जानलेवा साबित हो रही है. इस नशे का नाम है कैप्टागन. ये अवैध टैबलेट हाल के सालों में इतना फैल चुका है कि सऊदी में सिर्फ 2025 में अब तक 144 लोगों को इसके चलते मौत की सजा दी जा चुकी है. कुल 217 फांसी में दो-तिहाई ड्रग्स से जुड़े मामलों में हुई हैं.
कभी ये ड्रग सीरिया से बड़े पैमाने पर तस्करी होकर आता था. लेकिन दिसंबर 2024 में बशर अल असद की सरकार गिरने के बाद, नई अंतरिम सरकार ने इसकी जड़ पर वार करने का वादा किया. जून 2025 में दावा किया गया कि देश की सभी कैप्टागॉन फैक्ट्रियां बंद कर दी गई हैं. लेकिन इसके बावजूद सऊदी में इसका असर बना हुआ है
क्या है कैप्टागॉन?
कैप्टागन को गरीबों का कोकीन भी कहा जाता है. ये एक एम्फेटामीन जैसा नशा, जो मध्यपूर्व के अमीर तबकों में बेहद मशहूर है. खासकर सऊदी अरब के रईस युवा इस नशे के आदि हो चुके हैं. वहीं बेचने वालों को सीधा फांसी पर लटका दिया जा रहा है. इस नशे की तस्कीर और बिक्री में लगे ज्यादातर लोग विदेशी प्रवासी हैं. जैसे मिस्त्र, पाकिस्तान, इथोपिया, सीरिया जैसे देशों के गरीब लोग जो तस्करी के जुर्म में सीधे फांसी पर चढ़ा दिए जाते हैं. जून 2025 में ही 37 लोगों को ड्रग्स से जुड़े मामलों में मौत की सजा दी गई, जिनमें से 34 विदेशी नागरिक थे.
आलोचनाओं के बाद भी क्राउन प्रिंस क्यों नहीं मान रहे?
सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस नशे को समाज के लिए खतरा मानते हैं. उनका मानना है कि अगर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो ये ड्रग्स सऊदी की सामाजिक बुनियाद को खोखला कर देंगे. इसलिए वो अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आलोचना के बावजूद, ड्रग तस्करों को मौत की सजा देने से पीछे नहीं हट रहे.
सीरिया में तबाही मचाने वाला ड्रग
ये ड्रग सीधा सीरिया से आता है. 2023 तक दुनिया का 80 फीसदी कैप्टागन सीरिया में ही बनता था. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच में सामने आया कि सीरिया की जर्जर होती अर्थव्यवस्था के लिए ये ड्रग्स मुख्य कमाई का जरिया बन चुके थे. सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के भाई महेर अल असद इस ड्रग व्यापार के सबसे बड़े चेहरों में से थे. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद, सीरिया एक नार्को-स्टेट में तब्दील हो चुका था.