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भारत पर 25% टैरिफ लगाने वाले ट्रंप के लिए भारतीय कितने जरूरी? ये हैं 10 बड़ी वजह

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अमेरिका में 49 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग हैं, इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा उच्च शिक्षित हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अंततः भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. इससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में हलचल मच गयी है. अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध दशकों से मजबूत रहे हैं. ऐसे में यह कदम निश्चित रूप से भारत के निर्यात और व्यापार को प्रभावित करेगा. इसका नकारात्मक असर पड़ना तय है. अब भारतीय माल अमेरिका में महंगा मिला करेगा. यह सब कितने दिन चलेगा, कोई नहीं जानता. व्यापार पर कितना असर पड़ेगा, यह भी भविष्य के गर्भ में है.

जरूरी सवाल यह है कि अमेरिका के लिए भारत और वहां रहने वाले भारतीय कितने जरूरी हैं? भारतीयों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कितना योगदान है, और वे किन-किन क्षेत्रों में अमेरिका की तरक्की में अहम भूमिका निभा रहे हैं? आइए, एक-एक सवाल का जवाब तलाशते हैं लेकिन उससे पहले कुछ जरूरी तथ्य जान लेना जरूरी है.

अमेरिका में 49 लाख से अधिक भारतीय

माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के मुताबिक इसकअ समय अमेरिका में लगभग 49 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं. यहां रहने वाले भारतीयों में 80 फीसदी से ज्यादा उच्च शिक्षित हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी औसत आय आम अमेरिकी नागरिकों की औसत आय से ज्यादा है. लगभग 3.5 लाख भारतीय स्टूडेंट्स अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे हैं. इन भारतीय स्टूडेंट्स के योगदान को अमेरिका की अर्थव्यवस्था इनकार नहीं कर सकती. स्टूडेंट्स का नंबर दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है. सबसे ज्यादा H1B वीजा भारतीयों के पास है.अमेरिका यह खास वीजा उच्च पेशेवरों को ही देता है.

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पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का सामान और सेवाएं निर्यात किया था, इसमें इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, जेम्स एंड ज्वेलरी, दवाइयां, पेट्रोलियम उत्पाद, रेडीमेड गारमेंट्स आदि प्रमुख हैं. इसी तरह भारत ने अमेरिका से 40.7 अरब डॉलर मूल्य का सामान और सेवाएं आयात की थीं. इसमें मुख्य रूप से मिनरल फ्यूल्स और ऑयल्स, कीमती पत्थर, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट आदि शामिल हैं. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 118.2 अरब डॉलर रहा. ये आंकड़े महत्वपूर्ण हैं.

अमेरिका के लिए भारतीय क्यों जरूरी, 10 बड़ी वजह

  1. आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारतीयों की अग्रणी भूमिका

अमेरिका की सिलिकॉन वैली को दुनिया की टेक्नोलॉजी राजधानी कहा जाता है, और यहां भारतीयों की उपस्थिति बेहद मजबूत है. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोबी, आईबीएम जैसी दिग्गज कंपनियों के सीईओ समेत अन्य वरिष्ठ पदों पर काम करने वाले भारतीय मूल के लोग हैं. हजारों भारतीय इंजीनियर, डेवलपर और टेक्नोलॉजिस्ट अमेरिका की इनोवेशन और डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ा रहे हैं. भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की वजह से अमेरिकी कंपनियों को न सिर्फ टैलेंट मिलता है, बल्कि लागत भी कम होती है.

  1. स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में योगदान

अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम में भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल प्रोफेशनल्स की बड़ी भूमिका है. एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतीय मूल का है. ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में भारतीय डॉक्टरों की सेवाएं अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाती हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारतीय डॉक्टरों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर सेवा दी. अमेरिका में 9.87 लाख डॉक्टर्स हैं. इसमें से 2.62 लाख प्रवासी हैं. जिसमें सबसे ज्यादा 59 हजार भारत से हैं. दूसरे पायदान पर चीन और तीसरे पर पाकिस्तान है.

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  1. शिक्षा और अनुसंधान में भारतीयों की भागीदारी

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़ और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में भारतीय छात्रों और प्रोफेसरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारतीय छात्र अमेरिका में सबसे बड़ी विदेशी छात्र आबादी में शामिल हैं. वे न सिर्फ ट्यूशन फीस के रूप में अरबों डॉलर का योगदान करते हैं, बल्कि रिसर्च, इनोवेशन और स्टार्टअप्स के जरिए अमेरिकी शिक्षा और विज्ञान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं.

  1. स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योरशिप में भारतीयों की पहचान

अमेरिका में कई सफल स्टार्टअप्स के फाउंडर भारतीय मूल के हैं. उदाहरण के लिए, सन Microsystems, Hotmail, और हाल के वर्षों में Instacart, Nutanix जैसी कंपनियों के पीछे भारतीय दिमाग हैं. भारतीय उद्यमियों ने अमेरिका में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं और इनोवेशन को बढ़ावा दिया है.

  1. वित्तीय और बैंकिंग सेक्टर में भारतीयों की उपस्थिति

अमेरिका के बैंकिंग, फाइनेंस और कंसल्टिंग सेक्टर में भी भारतीयों की मजबूत उपस्थिति है. गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्टेनली जैसी कंपनियों में भारतीय पेशेवर उच्च पदों पर कार्यरत हैं. वे नीतिगत फैसलों, निवेश और वित्तीय रणनीतियों में वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं.

  1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीयों का प्रत्यक्ष आर्थिक योगदान

भारतीय-अमेरिकियों की औसत आय अमेरिका की राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है. वे न सिर्फ टैक्स के रूप में अरबों डॉलर का योगदान करते हैं, बल्कि रियल एस्टेट, कंज्यूमर गुड्स, ऑटोमोबाइल्स आदि क्षेत्रों में भी बड़े खरीदार हैं. इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है.

Donald Trump

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

  1. अमेरिकी राजनीति और प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी

हाल के वर्षों में भारतीय मूल के अमेरिकी राजनीति में भी आगे आए हैं. पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत भारतीय मूल के कई लोग राजनीति और प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं देते आ रहे हैं. इसके अलावा, कई भारतीय-अमेरिकी सीनेटर, गवर्नर और प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो नीति निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

  1. रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और सर्विस सेक्टर में भारतीयों की भूमिका

अमेरिका के रिटेल, होटल, मोटल और सर्विस सेक्टर में भी भारतीयों की बड़ी हिस्सेदारी है. हजारों भारतीय परिवार होटल-मोटल व्यवसाय चला रहे हैं, जिससे लाखों अमेरिकियों को रोजगार मिलता है. गैस स्टेशन, रिटेल स्टोर्स और रेस्तरां में भी भारतीयों की उपस्थिति मजबूत है.

  1. अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में भारत की अहमियत

भारत अमेरिका के लिए एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है. अमेरिका को भारत से टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मास्युटिकल्स, ऑटो पार्ट्स, आईटी सर्विसेज आदि का निर्यात होता है. भारत की विशाल उपभोक्ता बाजार और सस्ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता अमेरिकी कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

  1. सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान

भारतीय-अमेरिकियों ने अमेरिकी समाज में विविधता, सहिष्णुता और बहुसांस्कृतिकता को बढ़ावा दिया है. योग, आयुर्वेद, भारतीय भोजन, त्योहार और कला ने अमेरिकी समाज को समृद्ध किया है. इससे अमेरिका की मेल्टिंग पॉट संस्कृति और मजबूत हुई है.

इस तरह भारतीयों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था, समाज, विज्ञान, तकनीक, राजनीति और संस्कृति में गहरा योगदान दिया है. चाहे वह सिलिकॉन वैली के सीईओ हों, अस्पतालों के डॉक्टर, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, या फिर होटल व्यवसायी, हर क्षेत्र में भारतीयों की उपस्थिति और मेहनत ने अमेरिका को आगे बढ़ाने में मदद की है.

ऐसे में, व्यापारिक मतभेदों के बावजूद, अमेरिका को भारत और भारतीयों की अहमियत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. दोनों देशों के संबंधों की मजबूती न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी जरूरी है.

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