अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान से तेल या पेट्रोकेमिकल खरीदने वाला कोई भी देश या व्यक्ति अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में है और उसे अमेरिका के साथ व्यापार करने से रोका जाएगा। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की भी घोषणा की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने ईरान से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में शामिल होने के आरोप में सात भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम ट्रंप प्रशासन की “अधिकतम दबाव” नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईरान की आर्थिक गतिविधियों पर नकेल कसना और उसके तेल निर्यात को रोकना है। हालांकि इसके लिए ट्रंप उन देशों की कंपनियों को भी निशाना बना रहे हैं जो किसी न किसी तरह ईरानी तेल व्यापार से जुड़ी हैं।
प्रतिबंधित भारतीय कंपनियां
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, सात भारतीय कंपनियों को कार्यकारी आदेश (ई.ओ.) 13846 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। यह आदेश ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों को टारगेट करता है।
1. कंचन पॉलिमर्स: अमेरिका का आरोप है कि भारतीय कंपनी कंचन पॉलिमर्स ने यूएई की कंपनी टैनैस ट्रेडिंग से पॉलीइथाइलीन सहित 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।
2. एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड: अमेरिकी आदेश के मुताबिक, एल्केमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड एक भारत-आधारित पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी है, जिसने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच कई कंपनियों से 84 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।
3. रामणिकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी: आदेश के मुताबिक, रामणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी एक भारत-आधारित पेट्रोकेमिकल कंपनी है, जिसने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से मेथनॉल और टोल्यूनि सहित 22 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की।
4. जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड: इसने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 49 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के टोल्यूनि सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।
5. ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड: इसने जुलाई 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के मेथनॉल सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।
6. पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम: इसने बाब अल बरशा सहित कई कंपनियों से लगभग 14 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स, जैसे मेथनॉल, का आयात किया है, जिसकी शिपिंग तारीख अक्टूबर 2024 और दिसंबर 2024 के बीच है।
7. ईएनएसए शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई): ईरानी तेल शिपमेंट से जुड़े जहाजों के प्रबंधन में शामिल।
बता दें कि भारतीय कंपनियों सहित ट्रंप ने 20 संस्थाओं और 10 जहाजों को प्रतिबंधित किया है। इसके अलावा, इन कंपनियों में 50% या उससे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली संस्थाएं और व्यक्ति भी प्रतिबंधित रहेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई 4 फरवरी 2025 को जारी राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्रपति ज्ञापन-2 के तहत की गई है, जो ईरान पर अधिकतम आर्थिक दबाव बनाने का निर्देश देता है। यह ईरान के तेल व्यापार को टारगेट करने वाली ग्यारहवीं कार्रवाई है। मंत्रालय का कहना है कि ईरान का तेल निर्यात कई देशों में अवैध शिपिंग सुविधा प्रदान करने वालों के नेटवर्क द्वारा संभव होता है, जो छल और धोखाधड़ी के माध्यम से ईरानी तेल को एशिया के खरीदारों तक पहुंचाते हैं।
ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल्स खरीदता है, वह अमेरिकी प्रतिबंधों के जोखिम में है और उसे अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कार्रवाई में एक चीन-आधारित क्रूड ऑयल और पेट्रोलियम उत्पाद टर्मिनल ऑपरेटर को भी निशाना बनाया गया है, जो बार-बार ईरानी मूल के क्रूड ऑयल को स्वीकार करता रहा है।
अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का शुल्क, जुर्माना लगाया; एक अगस्त से होगा लागू
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। इसके अलावा, ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया। यह आश्चर्यजनक घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक दिन पहले ही भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि एक अमेरिकी व्यापार दल व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए 25 अगस्त से भारत का दौरा करेगा। इस घोषणा को भारत पर अमेरिका की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हाल ही में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अनुकूल व्यापार समझौते किए हैं।