बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कट्टरपंथी भीड़ ने एक बार फिर से हमला किया है. उनके गांव को टारगेट किया, घरों में घुसे, तोड़फोड़ की, मारा-पीटा और लूटपाट की. बांग्लादेश में हिंदुओं से ये क्रूरता रंगपुर इलाके में हुई. इसके बाद कई हिंदू डर कर इलाके को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हुए.
हिंदुओं पर जुल्म की कहानी बताने वाली कई वायरल वीडियो वायरल हो रही हैं. जिनमें में हिंदुओं से अत्याचार की सारी घटनाएं साफ दिख रही हैं. घरों में तोड़फोड़ की पुष्टि हो रही है. कट्टरपंथियों ने घरों के दरवाजों से लेकर अंदर कुर्सी मेज तक कुछ भी साबुत नहीं छोड़ा. जीवन भर की कमाई दांव पर लगाकर जैसे तैसे घर बनाने वाले परिवार इसकी भरपाई कैसे कर पाएंगे, संकट में मोहम्मद यूनुस उनका कितना साथ देंगे, यही सवाल इन लोगों के मन को कचोट रहा है. इससे पहले भी एक दंगे में 15 घरों में आग लगाई गई थी.
22 हिंदू घरों में तोड़फोड़
कट्टरपंथी भीड़ की ओर से ये बर्बरता यहां के कुल 22 हिंदू घरों में की गई है. कोई भी घर ऐसा नहीं बचा, जहां भीड़ ने अपनी कट्टरता के निशान न छोड़े हों. यहां के बचे हुए कुछ हिंदू परिवारों को डर है, कि वो अगर यहां रहे, तो ये भीड़ फिर लौट सकती है और उन्हें परेशान कर सकती है.
ऐसा आरोप है कि यहां के एक युवक ने फेसबुक पर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ व्यंगात्मक पोस्ट की थी. इसके बाद पुलिस हरकत में आई युवक को हिरासत में लिया गया. अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया, लेकिन इसी बीच भीड़ आक्रोशित हो गई. शनिवार और रविवार की रात हजारों की संख्या में लोग रंगपुर में हिंदुओं के बालापाड़ा गांव में पहुंचे और वहां कोहराम मचा दिया.
Today This Terrorist Were Produced In Court. Looks Like They R Opportunist Who Wait For Chance To Loot. Have To Arrest Master Mind Who Called For Protest, Marched To Gangachara. None Of Them R From Rangpur, They R From Near District Nilphamari. pic.twitter.com/p2H19W4mIO
— বাংলার ছেলে 🇧🇩 (@iSoumikSaheb) July 30, 2025
कहा जा रहा है कि हिंदुओं के घरों पर दो हजार लोगों ने एक साथ हमला बोला. तीन दिन बीतने के बाद पुलिस ने अब जाकर इन दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दोषियों की पहचान की जा रही है… प्रशासन ने हिंदुओं के घरों की मरम्मत कराने का भरोसा दिया है.
यहां सवाल एक बार फिर मोहम्मद यूनुस से है. उनके राज में बार-बार ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं. बार-बार हिंदुओं से हिंसा क्यों होती है. बार-बार हिंदुओं के घर दुकान और धार्मिक स्थल पर हमले क्यों होते हैं? यूनुस को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है, बावजूद बांग्लादेश में हिंदू शांति से क्यों नहीं रह पाते?
क्या कह रहे स्थानीय नागरिक?
स्थानीय नागरिक का कहना है कि हमारे घर में कुछ नहीं है, कोई दया नहीं दिखाई गई, वो सब कुछ ले गए. हमारे पास कुछ नहीं है. खाने का सामान भी नहीं है. साथ ही लोगों ने कहा कि हमारा कोई दोष नहीं है.