होम विदेश भूखे फिलिस्तीनियों के लिए नई जिंदगी लेकर आए अरब के ये तीन देश, हवा से पहुंचाई मदद

भूखे फिलिस्तीनियों के लिए नई जिंदगी लेकर आए अरब के ये तीन देश, हवा से पहुंचाई मदद

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मार्च में युद्ध विराम तोड़ने के बाद से ही इजराइल ने गाजा में पहुंच रही, मानवीय सहायता पर भी प्रतिबंध लगा रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद अब इजराइल ने गाजा में मानवीय सहायता ले जाने की छूट दी है. लेकिन फिर भी गाजा में जरूरत के मुताबिक सहायता नहीं पहुंच पा रही है. अब अरब के तीन देशों ने गाजा के लोगों के लिए हवाई रास्ते से मदद भेजने के जिम्मेदारी उठाई है.

इजराइली सेना ने जानकारी दी कि संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन और मिस्र के विमानों ने बुधवार उत्तरी और दक्षिणी गाज़ा पट्टी में खाने से भरे 32 सहायता पैकेट गिराए हैं. IDF का कहना है कि ये एयर ड्रोप ऐड राजनीतिक क्षेत्र के निर्देशों के मुताबिक और इजराइल, UAE, जॉर्डन और मिस्र के बीच सहयोग के बाद हुआ है.

मदद के लिए हवाई रास्ता क्यों अपनाया?

गाजा के राफा बॉर्डर पर करीब 6 हजार ट्रक गाजा में मदद लेजाने के लिए खड़े हैं, लेकिन इजराइल की ओर से उनको अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने अपील की है कि गाजा में मानवीय सहायता के लिए जमीनी रास्ते खोले जाए.

इस एयर ऐड ड्रोप का मकसद गाजा पट्टी में मानवीय मदद को जल्द पहुंचाना है, क्योंकि गाजा के लगभग सभी रोड इजराइल हवाई हमलों में क्षतिग्रस्त हैं और गाजा के अंदर राफा क्रासिंग ही एकमात्र जमीनी मदद पहुंचाने का रास्ता बचा है. जिसपर भी इजराइल का नियंत्रल है और यहां खड़े ट्रकों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.

IDF जारी रखेगी सहयोग?

IDF के बयान में ये भी कहा गया है कि इजराइल सेना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर गाजा पट्टी में मानवीय प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के लिए काम करना जारी रखेगी. साथ ही बयान में गाजा में जानबूझकर भुखमरी के दावों को झूठा बताया गया है. जबकि इजराइल के सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा था, “गाजा में भुखमरी वास्ताविक है, इसको झुटलाया नहीं जा सकता.”

युद्ध विराम पर अटक रही बात

मध्यस्त देशों की ओर से तमाम कोशिशों के बाद भी गाजा में सीजफायर नहीं हो पाया है. हमास की ओर से प्रस्ताव पर दिए गए जवाब से इजराइल सहमत नहीं है. साथ ही मिस्र और कतर जैसे देशों ने भी हमास के हथियार छोड़ने वाली मांग का समर्थन करने के संकेत दिए हैं. हालांकि हमास ने साफ किया है कि स्थायी युद्ध विराम और इजराइल सेना की वापसी के बिना वह किसी भी समझोते को नहीं मानेगा.

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