सेबी ने फंड डायवर्जन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की विफलताओं को देखते हुए जेनसोल इंजीनियरिंग और कंपनी के अधिकारी रहे अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को सिक्योरिटी मार्केटसे प्रतिबंधित करने के अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है।
Gensol Engineering news: जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके पूर्व शीर्ष अधिकारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, बाजार नियामक सेबी ने फंड डायवर्जन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की विफलताओं को देखते हुए जेनसोल इंजीनियरिंग और कंपनी के अधिकारी रहे अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को सिक्योरिटी मार्केटसे प्रतिबंधित करने के अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। बता दें कि शेयर बाजार में यह कंपनी लिस्टेड है और इसके शेयर की ट्रेडिंग फिलहाल ठप है। इस शेयर की आखिरी कीमत 46 रुपये के स्तर पर है।
इसके अलावा सेबी ने कहा कि ईवी मोबिकिटी के जग्गी बंधु-स्लिंग, जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक के पद पर बने रहने से वंचित रहेंगे। अंतिम आदेश ऐसे समय में आया है जब कंपनी अदालत द्वारा नियुक्त पेशेवर की देखरेख में दिवालियेपन की कार्यवाही से गुजर रही है।
क्या है आरोप
सेबी ने दोनों भाइयों पर अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए निकालने का आरोप लगाया था, जिससे कॉर्पोरेट प्रशासन और वित्तीय कदाचार पर चिंताएं बढ़ गई। एक आदेश में सेबी ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जांच और फोरेंसिक ऑडिटर के ठोस निष्कर्ष अभी सामने आने बाकी हैं। सेबी ने कहा कि उसे पहले लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने या संशोधित करने का कोई कारण नहीं दिखता है। हालांकि, नियामक ने स्पष्ट किया कि जेनसोल से संबंधित निर्देश दिवाला प्रक्रिया की देखरेख करने वाले सक्षम न्यायाधिकरण या अदालत के किसी भी आगे के आदेश के अधीन रहेंगे।
हाल ही में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही जेनसोल इंजीनियरिंग ने एक विज्ञापन जारी कर इच्छुक पक्षों से एक निश्चित मासिक लीज रेंटल पर पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लीज पर लेने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।