संयुक्त राष्ट्र की सैंक्शन मॉनिटरिंग रिपोर्ट (Sanctions Monitoring Team Report) में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में मध्य और दक्षिण एशिया में ISIL-खोरासान (ISIL-K) की और से बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला गया है, जहां करीब 2 हजार स्थानीय लड़ाके और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से भर्ती कर रहे हैं, जिनमें मध्य एशिया और रूस के उत्तरी काकेशस से भी शामिल हैं. साथ ही इसकी जड़े पाकिस्तान से जुड़ी है, जहां कुल 8700 आतंकवादी क्षेत्र को दहलाने के लिए तैयार बैठे हैं.
ISIL-K की नजरे छोटे बच्चों पर भी हैं, रिपोर्ट के मुताबिक ISIL-K अफगान मदरसों में बच्चों को ट्रेन कर रहा है, यहां तक कि 14 साल तक के नाबालिगों के लिए आत्मघाती प्रशिक्षण कैंप भी चला रहा है.
अल-कायदा पहले से अफगानिस्तान में ट्रेंनिंग कैंप शिविर चलाता है, जिनमें से कुछ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाकों को भी ट्रेन करते हैं. TTP के पास 6 हजार लड़ाके हैं, जिनको अफगानिस्तान की सरकार के अधिकारियों का भी समर्थन प्राप्त है और ISIL-K के साथ उसके सामरिक संबंध हैं. TTP एडवांस हथियारों का इस्तेमाल करके बड़े हमले करता है और कथित तौर पर बलूचिस्तान में आतंकवादियों को प्रशिक्षित करता है.
पाकिस्तान के आतंकी अफगान में हो रहे ट्रेन
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों की ट्रेनिंग भी इन्हें कैंप में हो रही है. इसमें BLA की मजीद ब्रिगेड भी शामिल है, दक्षिणी अफगानिस्तान में TTP और अल-कायदा के साथ मिलकर ट्रेनिंग कैंप चला रही है. बता दें BLA ने 11 मार्च को पाकिस्तान की एक ट्रेन का अपहरण कर 31 लोगों की हत्या कर दी थी.
पाकिस्तान सरकार की अतंकियों के प्रति नर्मी अब उनके लिए भारी पड़ रही है. ये सभी आतंकि अफगान जमीन का इस्तेमाल कर पाकिस्तान पर भी हमले कर रहे हैं. इस बलूचिस्तान जैसे इलाकों में पाकिस्तान से आजाद होने की मांग तेज हो गई है. लेकिन यहां अस्थरता आना भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए खतपा बन सकती है.
कौन सा संगठन क्यों खतरनाक?
इसके अलावा भारतीय उपमहाद्वीप में अल-क़ायदा का आत्मविश्वास बढ़ रहा है, जिससे इसके बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. इन आतंकी संगठनों के खतरों में से अहम खतरें ये हैं…
- ISIL-K – संगठन में तेजी से भर्ती, बच्चों को भड़काना और क्षेत्रीय विस्तार पर जोर.
- TTP – मजबूत अफगान समर्थन, हाई-प्रोफाइल हमले और ISIL-K/BLA के साथ संबंध.
- अल-कायदा – प्रशिक्षण शिविर, वैचारिक प्रभाव और बढ़ती महत्वाकांक्षा.
- BLA – घातक हमले, टीटीपी/अल-क़ायदा के साथ सहयोग और बेहतर संचालन क्षमता.