होम देश China Guru wrote Chindiya Foreign Minister Jaishankar takes a sharp jibe at Jairam Ramesh ‘चीन गुरु’ ने तो चिंडिया बना दिया था, जयशंकर का जयराम रमेश पर तीखा तंज, India News in Hindi

China Guru wrote Chindiya Foreign Minister Jaishankar takes a sharp jibe at Jairam Ramesh ‘चीन गुरु’ ने तो चिंडिया बना दिया था, जयशंकर का जयराम रमेश पर तीखा तंज, India News in Hindi

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Jaishankar: संसद में कांग्रेस पार्टी पर तीखा तंज कसते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता चीन गुरू बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह आज कह रहे हैं कि पाकिस्तान और चीन नजदीक आ रहे हैं, लेकिन यह संबंध क्या रातों रात बन गए?

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानWed, 30 July 2025 04:15 PM

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में जारी बहस में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को जयराम रमेश समेत तमाम कांग्रेस नेताओं पर तंज कसा। उन्होंने जयराम रमेश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इनका चीन के प्रति लगाव इतना अधिक है कि इन्होंने इंडिया और चीन के बीच में एक संधि बना ली थी उसका नाम रखा था चिंडिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “मैंने विदेश सेवा में करीब 41 साल देश की सेवा की है। मैं सबसे लंबे समय तक राजदूत रहा हूं। हालांकि कुछ लोग चीन गुरु भी हैं। उनमें से एक (जयराम रमेश) मेरे सामने बैठे हैं। इनका चीन के प्रति बहुत बहुत अधिक है। जयशंकर ने कहा लेकिन हो सकता है कि मेरी चीन के बारे में जानकारी कम हो, लेकिन मैंने उस देश के बारे में ओलंपिक के जरिए नहीं सीखा है। मुझे किसी ने बुलाया भी नहीं था और न ही किसी चीनी राजदूत ने मेरे घर पर आकर मुझे ट्यूशन दी है। हमें इस पर चर्चा नहीं करनी हैं कि चीन गुरु किससे मिले थे और उन्हें किसने बुलाया था।”

आपको बता दें विदेश मंत्री ने जिस चिंडिया शब्द का इस्तेमाल संसद में किया है। उसको जयराम रमेश की 2007 में प्रकाशित किताब ‘मेकिंग सेंस ऑफ चिंडिया: रिफ्लेक्शंस ऑन चाइना एंड इंडिया’ से लिया गया है।

जयशंकर ने कांग्रेस सरकारों के दौरान भारत और चीन के बीच हुए समझौतों का भी जिक्र किया। उन्होंने 1966 में भारत-पाकिस्तान कारोकोरम राजमार्ग की योजना, 1976 में परमाणु सहयोग और कई अन्य परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “चीनी गुरु कहते हैं कि पाकिस्तान औ चीन के बीच घनिष्ठ संबंध हैं, यह सच है… हम इस बात का सामना कर रहे हैं। लेकिन आखिर वह दोनों देश इतने करीब कैसे आए? इसकी वजह क्या थी?”

जयशंकर ने कहा, “ऐसा इसलिए था क्योंकि हमने बीच में ही पीओके को छोड़ दिया था। यह समस्या 1962-63 के बाद से ही चली आ रही है। आज यहां पर लोग कह रहे हैं कि चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध मजबूत हो गए हैं.. तो क्या वह इतिहास की क्लास के समय सो रहे थे? यह संबंध रातों रात मजबूत नहीं हुए हैं।”

विदेश मंत्री ने आगे कहा,”कांग्रेस सरकार के दौरान चीन को स्ट्रेटिजिक पार्टनर बना लिया था। मैं चीन में राजदूत था। उस समय पर मुझसे एक सैन्य अधिकारी ने पूछा कि आखिर जिस देश ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, हम उसके साथ युद्ध लड़ चुके हैं… आए दिन कुछ न कुछ होता रहता है। हम उसे पार्टनर कैसे बना सकते हैं?… उस वक्त मैंने उनसे कहा था कि यह मेरी समझ से भी ऊपर है। हालांकि मैं एक डिप्लोमैट था लेकिन मेरी समझ से भी ऊपर था।”

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