ननों की गिरफ्तारी का मुद्दा देश की संसद में भी गूंजा। मंगलवार और बुधवार दोनों ही दिन राज्यसभा और लोकसभा में इसे उपसभापति और स्पीकर के समक्ष उठाया गया। इसके अलावा इंडिया गठबंधन के 4 सांसद मंगलवार को दुर्ग के केंद्रीय जेल पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार की गईं केरल की ननें अभी जेल में ही रहेंगी। बुधवार को उन्होंने दुर्ग की सत्र अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन अदालत ने इस अर्जी पर विचार करने से इनकार कर दिया। सेशन कोर्ट ने कहा कि उन्हें मानव तस्करी सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जमानत याचिका सुनने का अधिकार नहीं है। अदालत ने सलाह दी कि इस मामले को बिलासपुर की NIA अदालत में ले जाया जाए।
ननों को जमानत नहीं मिलने की खबर फैली, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अदालत के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया। उन्हें उम्मीद है कि जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। बजरंग दल के सदस्य जिसमें ज्योति शर्मा जैसे नेता भी शामिल थे,बुधवार सुबह से ही अदालत परिसर के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए थे। कार्यकर्ताओं ने ननों को जमानत न देने की मांग करते हुए नारेबाजी की। सुनवाई के बाद, बजरंग दल के कानूनी प्रतिनिधि बाहर आए और भीड़ को सूचित किया कि जमानत खारिज कर दी गई है। इस घोषणा के बाद जोरदार जयकारे और नारों के साथ बजरंग दल के सदस्यों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
ननों की गिरफ्तारी का मुद्दा देश की संसद में भी गूंजा। मंगलवार और बुधवार दोनों ही दिन राज्यसभा और लोकसभा में इसे उपसभापति और स्पीकर के समक्ष उठाया गया। इसके अलावा इंडिया गठबंधन के 4 सांसद मंगलवार को दुर्ग के केंद्रीय जेल पहुंचे थे। ननों से मुलाकात करने पहुंचे सांसदों में बेनी बहनन, फ्रांसिस जॉर्ज, एनके प्रेमचंदन, अनिल ए थॉमस के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रभारी कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का और जरीता लैतफलांग भी शामिल हैं। मुलाकात के बाद रिपोर्ट तैयार कर सांसद कांग्रेस आलाकमान को सौंपेंगे। केंद्रीय जेल दुर्ग में पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी पहुंचे थे।
इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की सच्चाई को समझने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला प्रलोभन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ा है, जिसकी जांच चल रही है। दुर्ग जिले में पकड़ी गईं दो नन नारायणपुर जिले की बेटियों को नौकरी का झांसा देकर आगरा ले जा रही थीं। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह मानव तस्करी और प्रलोभन का स्पष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री सीएम साय ने जोर देकर कहा कि कानून अपना काम करेगा और इस तरह के संवेदनशील मामलों में कांग्रेस को राजनीति से बचना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ को शांति का टापू बताते हुए धर्मांतरण के खिलाफ अपनी सरकार की सख्त नीति को दोहराया और कहा कि जल्द ही धर्मांतरण को लेकर नया कानून भी आएगा। इधर इस मामले में केरल के BJP महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ के गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात करने की राजनीतिक गलियारों में चर्चा है।