होम नॉलेज तेज भूकंप के बाद कई देशों में सुनामी… उफनती लहरों में क्यों नहीं डूबते शिप-क्रूज, ये कैसे बचते हैं?

तेज भूकंप के बाद कई देशों में सुनामी… उफनती लहरों में क्यों नहीं डूबते शिप-क्रूज, ये कैसे बचते हैं?

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भूकंप के बाद रूस और जापान में आई सुनामी से बंदरगाह तबाह हो रहे हैं.

किसी भी देश में सुनामी आने के बाद समुद्र में उफनती लहरों के बीच शिप और क्रूज क्यों नहीं डूबते. रूस में आए भूकंप और सुनामी के बाद यही सवाल आ खड़ा हुआ है. भूकंप की तीव्रता 8.8 थी. भूकंप के झटकों ने रूस को हिला दिया है. रूस के कामचटका में दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप आया है. 4 मीटर की ऊंचाई तक उठती लहरों के रूप में सुनामी का असर देखा गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियोज में गिरती हुई इमारतें देखी जा सकती हैं.

रूस के वायरल वीडियोज में समुद्र की उफनती लहरों को देखा जा सकता है. वहीं, जापान में पूर्वी तट के पास एक फुट ऊंची सुनामी लहरें पहुंची हैं. 20 लाख लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. अब सवाल उठता है कि शिप-क्रूज में बैठे लोगों को सुनामी का कितना खतरा रहता है, सुनामी के दौरान कब जहाज डूबता है और कब नहीं?

सुनामी के बीच क्या शिप-क्रूज का क्या होगा?

सुनामी के बीच शिप और क्रूज कब बचते हैं और कब डूब जाते हैं, इसके पीछे भी पूरा विज्ञान है. भूकंप विज्ञानी डॉ. थॉमस हीटन कहते हैं, आमतौर पर समुद्र के बीचों-बीच सुनामी देखकर इस पर सवार लोगों को लगता है कि वो बुरी तरह से फंस गए हैं, लेकिन ध्यान रखने वाली बात है कि सुनामी के बीच शिप या क्रूज डूबेगा या नहीं, यह उसकी लोकेशन पर निर्भर करता है. अगर जहाज गहरे समुद्र है यानी किनारों में बहुत ज्यादा दूर है तो सुनामी में भी उसके डूबने का खतरा न के बराबर है.

शोधकर्ता डॉ. स्कॉट मिलर कहते कहते हैं, समुद्र में सुनामी सैकड़ों मील प्रति घंटे की गति से चलती है. इसमें लहरों की ऊंचाई 1 से 2 मीटर तक होती है, लेकिन बड़े जहाजों को इस तरह से बनाया गया होता है कि वो 2 से 3 मीटर ऊंची लहरों को झेल सकते हैं. इसके अलावा बड़े क्रूज़ या कार्गो शिप का वज़न बहुत ज्यादा होता है. इस तरह छोटी सतही लहरें जहाज़ को हिला तो सकती हैं लेकिन उसे डुबोना मुश्किल होता है.

कब इनके डूबने का खतरा ज्यादा होता है?

सुनामी जहाजों के लिए तब खतरनाक बनती है जब इसकी लहरें किनारों पर आती हैं. किनारों पर लहरें 10 से 30 मीटर की ऊंचाई तक उठती है. इनका दबाव जहाजों पर अधिक पड़ता है. सुनामी की तेज धारा उसे टक्कर मारकर गिरा सकती है. इसलिए जहाज जब पोर्ट और तट के पास खड़े होते हैं तो इनके डूबने का खतरा ज्यादा होता है, गहरे समुद्र में नहीं.

मिलर कहते हैं, सबसे बड़ा खतरा तब पैदा होता है जब सुनामी की लहरें समुद्र के किनारे पर पहुंचने लगती हैं. जैसे ही सुनामी लहर की स्पीड घटती है ये छोटी हो जाती हैं, लेकिन इनकी ऊंचाई ज्यादा हो जाती है.

हीटन का कहना है, अगर आप समुद्र तट के करीब हैं, तो सुनामी जहाजों को इधर-उधर फेंक सकती है. जमीन के पास या बंदरगाह पर खड़े क्रूज-जहाजों को सुनामी की ऊंची और अधिक एनर्जी वाली विनाशकारी लहर से भारी खतरा होता है.

सुनामी का अलर्ट मिलने पर बड़े जहाजों को आमतौर पर तट के पास आने वाली खतरनाक लहरों और धाराओं से बचाने के लिए गहरे पानी में भेज दिया जाता है.

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