टाटा मोटर्स और ट्यूरिन (इटली) स्थित आईवेको कंपनी के बोर्ड बुधवार को मिलकर इस डील को मंजूरी दे सकते हैं। आईवेको ने भी मंगलवार को कहा कि वह अपने रक्षा व्यवसाय और बाकी कंपनी के लिए अलग-अलग सौदों पर एडवांस्ड स्टेज की बातचीत कर रही है।
टाटा मोटर्स इटली की मशहूर ट्रक बनाने वाली कंपनी आईवेको (Iveco) को खरीदने वाली है। यह डील करीब 4.5 अरब डॉलर (लगभग 3.9 अरब यूरो) की होगी। यह टाटा मोटर्स की अब तक की सबसे बड़ी डील होगी। टाटा समूह की यह दूसरी सबसे बड़ी अक्विजिशन होगी, जिससे बड़ी सिर्फ कोरस की खरीद थी। इससे पहले 2008 में टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर (JLR) को 2.3 अरब डॉलर में खरीदा था।
औपचारिक घोषणा जल्द
द इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इस सौदे की आधिकारिक घोषणा बुधवार को होने की उम्मीद है। टाटा मोटर्स और ट्यूरिन (इटली) स्थित आईवेको कंपनी के बोर्ड बुधवार को मिलकर इस डील को मंजूरी दे सकते हैं। आईवेको ने भी मंगलवार को कहा कि वह अपने रक्षा व्यवसाय और बाकी कंपनी के लिए अलग-अलग सौदों पर एडवांस्ड स्टेज की बातचीत कर रही है।
कैसे होगी खरीद?
टाटा मोटर्स आईवेको के मुख्य शेयरधारक, अग्नेली परिवार की निवेश कंपनी एक्सॉर (Exor) से पहले 27.1% शेयर खरीदेगी। फिर वह भारत के ओपन ऑफर की तरह एक ‘टेंडर ऑफर’ लॉन्च करके दूसरे छोटे शेयरधारकों से भी शेयर खरीदेगी। एक्सॉर के पास आईवेको के 43.1% वोटिंग अधिकार भी हैं। खास बात यह है कि आईवेको अपना रक्षा व्यवसाय (डिफेंस बिजनेस) अलग कर रही है और यह टाटा मोटर्स के सौदे का हिस्सा नहीं होगा। टाटा समूह को पूरा विश्वास है कि वह रक्षा व्यवसाय के बिना पूरी लिस्टेड आईवेको कंपनी खरीद लेगा।
शेयरों में उछाल
इस सौदे की उम्मीदों के बीच मंगलवार को आईवेको के शेयरों में 7.4% तक की तेजी आई। इस साल अब तक कंपनी का शेयर मूल्य दोगुना से ज्यादा हो चुका है, जिससे उसका बाजार मूल्य करीब 6.15 अरब डॉलर हो गया है।
पुराने दोस्त, नया सौदा
माना जा रहा है कि एक्सॉर और आईवेको का बोर्ड टाटा को बेचने के पक्ष में है। कारण यह है कि अग्नेली परिवार टाटा समूह और उसके पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के पुराने साथी रहे हैं। टाटा का अग्नेली परिवार की प्रमुख कंपनी फिएट मोटर्स के साथ भारत में पुराना जॉइंट वेंचर भी रहा है। अग्नेली परिवार फेरारी में भी बड़े हिस्सेदार हैं और स्टेलांटिस नाम की डच ऑटोमोटिव कंपनी को भी नियंत्रित करते हैं, जिसमें फिएट ब्रांड भी शामिल है।
समय सीमा और सलाहकार
दोनों पक्षों के बीच करीब डेढ़ महीने से बातचीत चल रही थी और हाल के हफ्तों में यह और तेज हुई। दोनों ने एक ‘विशेषाधिकार समझौता’ (Exclusivity Agreement) किया है जो 1 अगस्त को खत्म होने वाला है। टाटा मोटर्स यह सौदा एक डच कंपनी के जरिए करेगी, जिसका पूरा मालिकाना हक टाटा मोटर्स के पास होगा। टाटा मोटर्स को मॉर्गन स्टेनली सलाह दे रहा है, जबकि अग्नेली परिवार और आईवेको को गोल्डमैन सैक्स। कानूनी सलाह क्लिफोर्ड चांस दे रहा है।
आईवेको क्यों खास? और चुनौतियां
वोल्वो, डेमलर और ट्राटॉन जैसी बड़ी कंपनियों वाले यूरोपीय बाजार में आईवेको सबसे छोटी बड़ी ट्रक निर्माता है और हमेशा से खरीद के लिए निशाने पर रही है। लेकिन इसका संवेदनशील रक्षा व्यवसाय इसे इटली सरकार के लिए रणनीतिक बनाता था। 2021 में सरकार ने एक चीनी प्रतिद्वंद्वी एफएडब्ल्यू (FAW) के प्रस्ताव को रोक दिया था। विश्लेषकों का मानना है कि रक्षा इकाई को किसी स्थानीय कंपनी को बेचना इटली सरकार को खुश कर सकता है और टाटा के साथ बाकी व्यवसाय (वाणिज्यिक ट्रक, पॉवरट्रेन, बसें और अन्य विशेष वाहन) के सौदे को आसान बना सकता है।
टाटा के लिए क्यों जरूरी?
यह सौदा टाटा को उसकी कमजोर पड़ चुकी वाणिज्यिक वाहन (CV) व्यवसाय के लिए नई तकनीक, नवाचार और बाजार दे सकता है। आईवेको लैटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका में मौजूद है, हालांकि उसके राजस्व का 74% यूरोप से आता है। टाटा का सीवी डिवीजन जल्द ही अलग से लिस्ट होने वाला है, लेकिन उसके राजस्व का 90% भारत से आता है। एक सफल अधिग्रहण टाटा के वाणिज्यिक वाहन राजस्व को लगभग तीन गुना (75,000 करोड़ रुपये से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक) कर सकता है। हालांकि, मुनाफे की दर (मार्जिन) एक चिंता बनी हुई है। टाटा का मार्जिन 9.1% है, जबकि आईवेको का समायोजित सीवी मार्जिन लगभग 5.6% है।