रूस के कामचटका में आया सबसे भीषण भूकंप
रूस के सुदूर पूर्व में आज बुधवार तड़के दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक भूकंप आया. 8.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के बाद उत्तरी प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में सुनामी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया. रूस के अलावा जापान, अमेरिका के अलास्का, हवाई, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया समेत कई देश भी इसके असर को लेकर अलर्ट हो गए हैं. अब 8 से अधिक की तीव्रता वाले भूकंप में कितना नुकसान हो सकता है.
भूकंप अमूमन हर दिन आते हैं और इसके दुनिया के किसी न किसी हिस्से में रोजाना झटके लगते ही रहते हैं. दुनियाभर में एक दिन में अमूमन 55 झटके लगते ही हैं. रूस में पूर्वी तट पर आया भूकंप दुनिया का सबसे छठा भीषणतम भूंकप है. इसके नुकसान को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक हो सकता है. अगर 8 की तीव्रता का भूकंप आता है तो यह कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
भूकंप का कब होता है एहसास
रिक्टर स्केल पर अगर 0-1.9 की तीव्रता का भूकंप आता है तो यह किसी को पता नहीं चलता है और इसका एहसास सिर्फ सिस्मोग्राफ पर ही होता है. अगर 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आया तो हल्का सा कंपन महसूस होता है. इंसान इस भूकंप के कंपन को महसूस कर सकता है. इसी तरह 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप का इस तरह से एहसास होता है कि करीब से कोई ट्रक गुजर गया है.
4 की तीव्रता से अधिक का भूकंप आने पर असर पड़ना शुरू हो जाता है. 4 से 4.9 की तीव्रता वाले में भूकंप में खिड़कियां टूट सकती हैं. साथ ही दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है. अगर 5 से 5.9 की तीव्रता का भूकंप आता है तो फर्नीचर जैसा भारी सामान हिल सकता है. और इस तीव्रता वाले भूकंप में जान-माल के खासे नुकसान की संभावना बन जाती है.
6 से अधिक की तीव्रता वाला भूकंप विनाशकारी
अगर कहीं पर 6 से अधिक की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो यह विनाशकारी साबित हो सकता है. 6 से 6.9 तीव्रता वाले भूकंपों से बड़ी से बड़ी इमारतों की नींव दरक सकती है. साथ ही ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. जबकि 7 से 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप में इमारतें तक ढह जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं. यह भूकंप भी विनाशकारी हो सकता है. पिछले साल फरवरी में तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.8 रही थी और इसने भारी तबाही मचाई थी. 50 हजार से अधिक लोग मारे गए जबकि लाखों की संख्या में लोग जख्मी हुए थे. कई शहर तो बुरी तरह से तबाह हो गए थे.
भूकंप अगर 8 से अधिक की तीव्रता वाला रहा तो यह पूरे शहर को नुकसान पहुंचा सकता है. 8 से 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप को इमारतें और बड़े-बड़े पुल भी नहीं झेल पाते और ध्वस्त होकर गिर जाते हैं. यही नहीं समुद्र में सुनामी आने का खतरा बना रहता है.
सबसे ज्यादा विनाशकारी भूकंप होता है 9 की तीव्रता वाला भूकंप. अगर 9 या उससे ज्यादा का भूकंप आए तो मैदान में खड़े शख्स को धरती लहराती हुई दिखाई देगी और बहुत बड़े सुनामी का खतरा रहेगा. इस तरह के भूकंप कभी कभार ही आते हैं. अब तक दुनिया में 5 बार ही 9 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप आए हैं.
सालभर में दुनिया में कितने आते हैं भूकंप
अगर हम सालभर में कितने भूकंप आते हैं, इस पर गौर करें तो पूरी दुनिया में सालभर में 2.5 या उससे कम स्तर वाले भूकंप की संख्या लाखों में होती है. जबकि 2.5 से लेकर 5.4 की तीव्रता वाले भूकंप पूरे साल करीब 5 लाख तक आते हैं. इसी तरह 5.5 से लेकर 6 तक की तीव्रता वाले भूकंपों की संख्या पूरे साल 300 से 400 के बीच होती है.
इसी तरह 7 से लेकर 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप अमूमन हर महीने कहीं न कहीं आते हैं. इनकी आने की दर सालभर में 10 से 15 के बीच होती है. वहीं विनाशकारी 8 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप के आने की दर सालभर में एक या दो होती है.
कब-कब आए दुनिया में विनाशकारी भूकंप
अब बात करते हैं, दुनिया के 10 सबसे भीषण भूकंपों की. रूस के पूर्वी तट पर आया यह भूकंप दुनिया में अब तक के आए छठे भीषण भूकंपों में से एक है. इससे पहले भी इस तीव्रता का भूकंप आ चुका है. रूस के कामचटका में आया यह भूकंप सबसे बड़ा भूकंप नहीं है. आज से 73 साल पहले 4 नवंबर 1952 को कामचटका में 9.0 की तीव्रता का भूकंप आया था. लेकिन तब कोई खास तबाही नहीं हुई थी. हवाई में 9.1 मीटर ऊंची लहरें उठने के बावजूद किसी के मरने की सूचना नहीं मिली.
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, दुनिया का सबसे भीषण भूकंप 1960 में आया तब इसकी तीव्रता 9.5 आंकी गई थी. तब विनाशकारी भूकंप से चिली के बियोबियो में धरती कांप गई थी. इसे ग्रेट चिली अर्थक्वेक के रूप में भी याद किया जाता है. इस भूकंप में करीब 1655 लोग मारे गए थे जबकि 20 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे. इसके बाद 1964 में दूसरा सबसे भीषण भूकंप आया. अमेरिका के अलास्का में 9.2 की तीव्रता वाले भूकंप में 130 लोग मारे गए. तब 2.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
टॉप टेन भूकंपों में भारत का भी नाम
तीसरा सबसे भीषण भूकंप आया था साल 2001 में. इंडोनेशिया के सुमात्रा में आए इस भूकंप ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई थी. इसका असर भारत के अंडमान निकोबार द्वीप तक दिखा था. बड़े-बड़े सुनामी की लहरें उठी थीं. सुनामी ने कई देशों में अपनी चपेट में लिया. 2.80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई. दक्षिण एशिया और पूर्वी अफ्रीका में 11 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा.
चौथा सबसे विनाशकारी भूकंप आया था जापान में. साल 2011 में जापान के तोहोकु में 9.1 की तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप से पूरे क्षेत्र में सुनामी आ गई. 15 हजार से अधिक लोग मारे गए और 1.30 लाख से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. पांचवां सबसे बड़ा भूकंप आया था रूस में. साल 1952 में यह भूकंप आया और इसकी तीव्रता 9.0 रही. दुनिया में यह पहली बार 9.0 की तीव्रता वाला भूकंप था. इस दौरान सुनामी आई और करोड़ों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो गई.
कामचटका में दूसरी बार 8 से ऊपर भूकंप
यह भूकंप रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.8 आंकी गई. भूकंप के बड़े झटकों की वजह से रूस में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है. भूकंप के झटके इस कदर खतरनाक थे कि घर के अंदर रखे सामान तेजी से हिलने लगे. आलमारी में रखे सामान और किताब तक गिरने लगे.
रूस के पूर्वी तट पर 4 मीटर तक सुनामी आने का अलर्ट जारी किया गया तो जापान में 3 मीटर तक सुनामी आने का अलर्ट जारी किया गया. अलर्ट को देखते हुए जापान ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करा दिया है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया है. रूस और जापान के अलावा अमेरिका, न्यूजीलैंड और इंडोनेशिया समेत कई देशों ने अपने यहां अलर्ट जारी किया है.