होम देश Top 10 Quotes of PM Narendra Modi In Lok sabha during debate on operation Sindoor slams Pandit Nehru to Indira Gandhi सिंदूर से सिंधु तक… एक क्लिक पर पढ़ें PM मोदी की कही बड़ी बातें; नेहरू से इंदिरा तक सबको यूं लपेटा, India News in Hindi

Top 10 Quotes of PM Narendra Modi In Lok sabha during debate on operation Sindoor slams Pandit Nehru to Indira Gandhi सिंदूर से सिंधु तक… एक क्लिक पर पढ़ें PM मोदी की कही बड़ी बातें; नेहरू से इंदिरा तक सबको यूं लपेटा, India News in Hindi

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PM ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने ऐसा प्रचंड प्रहार किया, जिसकी पड़ोसी ने कल्पना भी नहीं की थी। भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर आने को मजबूर कर दिया। भारत की कार्रवाई से बौखलाए पाक DGMO रोकने की गुहार लगाने लगे।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दूसरे दिन मंगलवार (29 जुलाई) को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के अड्डों को ध्वस्त करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने को नहीं कहा था। पीएम मोदी ने ऐसा कहकर नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं को करारा जवाब दिया है, जो सदन में और बाहर बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर ही सीजफायर किया गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने के विपक्ष के आरोपों के खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान दुनिया के किसी नेता ने इसे रोकने को नहीं कहा था। इससे पहले सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बार बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रुकवाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। इससे पहले भी विपक्ष ट्रम्प के दावों के बीच लगातार यह मांग करता रहा है।

हालांकि, पीएम मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के उप राष्ट्रपति जे डी वेंस ने फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा था कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है, तो मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का यह इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। हम बड़ा हमले करके जवाब देंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:

* मैं 22 अप्रैल को विदेश में था। लौटने के बाद, मैंने एक बैठक बुलाई और उस बैठक में हमने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवाद को कड़ा जवाब मिलना चाहिए और यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। मुझे अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। उन्हें पूरी आजादी दी गई थी और हमने उनसे कहा था कि आप तय करेंगे कि ऑपरेशन कब, कहाँ और कैसे करना है। हमने उन्हें कड़ा सबक सिखाया और आज भी उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है।

* पहलगाम के बाद, पाकिस्तानी सेना को भारत से बड़ी प्रतिक्रिया की आशंका थी। वे हमें परमाणु हमले की धमकियाँ दे रहे थे। 6-7 मई की रात को, हमने अपनी इच्छानुसार ऑपरेशन किया लेकिन पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका। 22 मिनट में, हमने 22 अप्रैल के हमले का बदला ले लिया।

* हमने पाकिस्तान से कई बार युद्ध किए, लेकिन भारत की रणनीति में ऐसा पहली बार हुआ कि हमने पाकिस्तान के हर कोने में मौजूद आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोई यहाँ तक पहुँच सकता है। हमारी सेनाओं ने आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।

* हमने साबित कर दिया कि परमाणु ब्लैकमेलिंग काम नहीं आएगी और हम इससे डरेंगे नहीं। भारत ने पाकिस्तान के घर में घुसकर, उनके एयरबेस और संपत्तियों को नष्ट करके अपनी तकनीकी क्षमता का परिचय दिया। इनमें से कुछ एयरबेस अभी भी आईसीयू में पड़े हैं।

* किसी भी देश ने भारत को अपनी कार्रवाई करने से नहीं रोका। केवल तीन देशों ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिया। हमें दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने हमारा समर्थन नहीं किया। इन हमलों के बाद, मास्टरमाइंड को नींद नहीं आ रही है। वे जानते थे कि भारत आएगा और जवाबी हमला करेगा। भारत ने अब नया रूल सेट कर दिया है।

* दुनिया ने देखा है कि भारत किस पैमाने पर काम कर सकता है। सिंदूर से सिंधु तक, हमने पाकिस्तान पर हमला किया। ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्थापित कर दिया कि पाकिस्तान और उसके आतंकवादी नेताओं को ऐसे हमलों की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

* 22 अप्रैल के बाद, तीन-चार दिनों के अंदर ही वे कह रहे थे, “56 इंच का सीना कहाँ गया”, “मोदी फेल हो गया। मोदी कहाँ है?” अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए, वे मुझ पर हमला कर रहे थे। उनके बयान सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा रहे थे। उन्हें सुरक्षा बलों पर भरोसा नहीं है और इसीलिए वे ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं। आप मीडिया में सुर्खियाँ बटोर सकते हैं, लेकिन लोगों के दिलों में जगह नहीं बना सकते।

* 10 मई को भारत ने युद्धविराम की घोषणा की। सदन में इस पर खूब चर्चा हुई। यह वही दुष्प्रचार है जो पाकिस्तान से फैलाया गया है। कुछ लोग सुरक्षा बलों की बातों के बजाय पाकिस्तान के बयान को आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार हमने आतंक के केंद्र पर हमला किया। पहलगाम के आतंकियों के उन प्रशिक्षण केंद्रों पर जहाँ आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया गया था। इस बार, हमारी सेना की सफलता दर 100% रही।

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* पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता था कि भारत इस तरह जवाब देगा। पाकिस्तान ने डीजीएमओ से कहा, “बस करो, बहुत मारा, अब ज़्यादा मार झेलने की ताकत नहीं है।” भारत ने 7 मई को कहा कि हमने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया है, और अगर तुम (पाक) पलटवार करोगे, तो देख लेना। मैं यह बात फिर से कह रहा हूँ। यह भारत के स्पष्ट राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य का हिस्सा था। हमारी कार्रवाई कोई आक्रामक नहीं थी।

* दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा। 9 मई की रात को, अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने मुझे फ़ोन करने की कोशिश की। वह कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं सेना के साथ एक बैठक में व्यस्त था। मैंने उन्हें वापस फ़ोन किया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान एक बड़े हमले की योजना बना रहा है। मेरा जवाब था, “अगर पाकिस्तान का यही इरादा है, तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

* आज का भारत आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से भरा है। यह पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया भारत को आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ते हुए देख रही है, लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर है।

* पाकिस्तान वहां से खून की होली खेलने वाले आतंकियों को भेजता रहा, कांग्रेस यहां अमन की आस के मुशायरे किया करती थी। हमने ये वन-वे ट्रैफिक बंद कर दिया। हमने पाकिस्तान का एमएफएन का दर्जा रद्द किया, वीजा बंद किया, अटारी वाघा बॉर्डर बंद कर दिया। भारत के हितों को गिरवी रख देना कांग्रेस की पुरानी आदत है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिंधु जल समझौता है। ये नेहरू जी ने किया और मामला जुड़ा था भारत से निकलने वाली नदियों का। वो नदियां हजारों साल से भारत का सांस्कृतिक विरासत, चैतन्य शक्ति रही हैं।

* सिंधु नदी जो भारत की पहचान रही है, लेकिन कांग्रेस ने सिंधु और झेलम पर विवाद के लिए पंचायत दिया विश्व बैंक को। सिंधु जल समझौता भारत की अस्मिता और भारत के स्वाभिमान के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा था। आज के देश के युवा ये सुनते होंगे तो आश्चर्य होता होगा। नेहरू जी ने क्या किया? ये जो नदियां थीं, 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को देने के लिए राजी हो गए। इतने बड़े भारत को 20 फीसदी पानी। कौन सी बुद्धिमानी थी। नेहरू जी ने ये भी समझौता कर लिया कि भारत इस बांध की सफाई नहीं करेगा। नेहरू जी ने भी इस गलती को माना और कहा कि मुझे लगा कि ये समझौता अन्य समस्याओं के समाधान का रास्ता खोलेगा, लेकिन सभी समस्याएं जस की तस हैं।

* इससे हमारी कृषि को नुकसान हुआ। देश को पीछे किया। कांग्रेस की बाद की सरकारों ने सिंधु समझौते की ओर देखा भी नहीं। नेहरू जी की गलती को सुधारा भी नहीं। अब भारत ने नेहरू जी की गलती को सुधारा है। देश का अहित करने वाला ये समझौता अब इस रूप में आगे नहीं चल सकता। भारत ने तय कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।

* 1971 में पाकिस्तान के 93 हजार फौजी हमारे पास बंदी थे, हजारों किलोमीटर एरिया हमारे कब्जे में था। हम बहुत कुछ कर सकते थे। थोड़ी सी समझ होती तो पीओके वापस लेने का मौका था, जिसे छोड़ दिया गया था। कम से कम करतारपुर साहिब को तो ले सकते थे, वो भी नहीं कर पाए आप। 1974 में कच्चा थिबू द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया गया। आजतक हमारे मछुआरे भाई-बहनों को दिक्कत आती है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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