होम विदेश निमिषा प्रिया को अब ग्रांड मुफ्ती अबूबकर भी नहीं बचा पाएंगे! सामने आया मौत का लेटर

निमिषा प्रिया को अब ग्रांड मुफ्ती अबूबकर भी नहीं बचा पाएंगे! सामने आया मौत का लेटर

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निमिषा प्रिया केस में नया अपडेट

निमिषा प्रिया की मौत की सजा पर अब जल्द ही अमल हो सकता है. दरअसल, तलाल अब्दो महदी के भाई ने यमन के अटॉर्नी जनरल को आधिकारिक तौर पर एक पत्र लिखा है. तलाल के भाई के मुताबिक हमारा परिवार दिनाह (ब्लड मनी) को लेकर राजी नहीं है, इसलिए जल्द ही सजा-ए-मौत को मुकर्रर की जाए. निमिषा को बचाने में ग्रांड मुफ्ती अबूबकर शामिल काफी एक्टिव हैं. मुफ्ती ने ही फांसी की सजा को सस्पेंड करवाया था, लेकिन अब जिस तरीके से तलाल का परिवार अड़ गया है, उससे कहा जा रहा है कि अबूबकर भी निमिषा को माफी नहीं दिला पाएंगे.

तलाल के भाई ने अब्दुल फतह महदी ने अटॉर्नी से निवेदन किया है कि इस फैसले में जानबूझकर देरी की जा रही है, जो न्याय के खिलाफ है. हम मांग करते हैं कि इसे तुरंत अमल में लाया जाए.

पत्र में क्या-क्या कहा गया है?

अब्दुल ने यमन के अटॉर्नी जनरल को जो पत्र लिखा है, उसमें कहा गया है कि 2020 में ही निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत दी गई थी. 2023 में 177 नंबर पत्र के माध्यम से राजनीतिक परिषद ने इसका अनुमोदन भी कर दिया. 2025 में इसको लेकर तारीख भी तय हो गई. ऐसे में इसे अब ज्यादा दिन तक रोकना ठीक नहीं है.

अब्दुल फतह महदी का कहना है कि निमिषा मामले में अंतिम और बाध्यकारी फैसला भी आ चुका है. इसके बावजूद ब्लड मनी के नाम पर इसे रोका गया है. यह सही नहीं है. हम किसास के तहत न्याय चाहते हैं. प्रकृति में सभी लोगों को न्याय का अधिकार प्राप्त है.

ब्लड मनी पर राजी नहीं परिवार

अब्दुल फतह के मुताबिक उसका परिवार ब्लड मनी को लेकर राजी नहीं है. बाकी इसको लेकर जो भी लोग कवायद कर रहे हैं. वो अपनी उर्जा बर्बाद कर रहे हैं. फतह का कहना है कि लोग निमिषा के परिवार और उनके समर्थकों को गुमराह कर रहे हैं.

अब्दुल के मुताबिक निमिषा को माफी नहीं दी जा सकती है. क्योंकि उसने अपराध के सभी सीमाओं को पार कर दिया था. हत्या के बाद जो उसने किया, उसे सोचकर ही लोग दुखी हो जाएंगे.

उन्होंने आगे कहा कि मेरे भाई (तलाल) का खून किसी बाजार की वस्तु नहीं है, जिसे लोग खरीद सकते हैं. वो कभी नहीं बिकने वाला है.

अब ज्यादा ऑप्शन नहीं है

तलाल के परिवार ने जिस तरीके से अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा है, उससे यह अब स्पष्ट हो गया है कि निमिषा के पास अब ज्यादा ऑप्शन नहीं है. यमन कानून के तहत सिर्फ ब्लड मनी के जरिए ही निमिषा की जान बच सकती है. ब्लड मनी भी बिना किसी दबाव के लेने पर ही माफी दी जाती है.

ब्लड मनी का रास्ता बंद होने की स्थिति में यमन की सरकार सजा ए मौत को अमल में लाने को लेकर आखिरी फैसला करेगी. पहले 16 जुलाई की तारीख मुकर्रर थी, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है.

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