समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व सांसद डिंपल यादव पर एक मौलाना द्वारा की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा ने अखिलेश पर निशाना साधा है.
भाजपा ने अखिलेश पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पोस्टर लगाए गए हैं और उनसे सवाल किया है कि वे राज्य की महिलाओं की सुरक्षा कैसे करेंगे.
लखनऊ में भाजपा प्रदेश महासचिव व एमएलसी सुभाष यदुवंश द्वारा लगाए गए पोस्टर में सवाल किया गया है, ‘पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले प्रदेश की बहन बेटियों की सुरक्षा क्या करेंगे?’
पोस्टर में एक तरफ अखिलेश यादव और दूसरी तरफ मौलाना साजिद रशीदी की तस्वीरें हैं. पोस्टर के ऊपर मौलाना का आपत्तिजनक बयान भी लिखा है.
हाल ही में टेलीविजन पर प्रसारित एक कार्यक्रम में मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के दिल्ली स्थित एक मस्जिद में उनके पहनावे पर कथित तौर पर अनुचित टिप्पणी की थी. इस सिलसिले में रविवार शाम मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
क्या बोली सपा?
मौलाना के बयान पर समाजवादी पार्टी की महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने कहा कि वह (मौलाना) भाजपा प्रायोजित व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने सोमवार शाम गोमती नगर थाने में मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए तहरीर दी है.’
मौलाना के बयान के बाद, भाजपा इस मुद्दे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी को लेकर लगातार उन पर हमला बोल रही है. उप्र सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को इस मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे ‘शर्मनाक’ बताया था.
मौर्य ने कहा था, ‘यह न केवल एक महिला सांसद की गरिमा पर, बल्कि एक भारतीय महिला और उसकी संस्कृति पर भी हमला है.’ उन्होंने कहा था, ‘डिंपल यादव जी पर की गई अभद्र टिप्पणी पर अखिलेश यादव की चुप्पी न केवल निंदनीय है, बल्कि शर्मनाक भी है.’
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रविवार को विभूति खंड थाने में प्रवेश यादव नामक एक व्यक्ति ने मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. मौलाना के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से बोले गए शब्द, इशारे या कृत्य), धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
अपनी शिकायत में, प्रवेश यादव ने आरोप लगाया कि रशीदी की भाषा और लहजे से ‘राष्ट्र-विरोधी मानसिकता’ का पता चलता है और उनका संबंध ‘भारत में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए काम करने वाले’ समूह से है.