ऑस्ट्रिया की एक सड़क, ईयू की अधिकांश सड़कें ऐसी ही हैं. (फाइल फोटो)
यूरोपीय संघ अगर रूस के साथ भिड़ता है तो ये मुसीबत मोल लेने जा हो सकता है. इसकी बानगी खुद यूरोपीय संघ के परिवहन प्रमुख का वो बयान है, जिसमें वह कह रहे हैं कि यूरोपीय संघ की सड़कें और रेलवे युद्ध के लिए तैयार नहीं हैं. परिवहन प्रमुख अपोस्टोलोस त्जित्जिकोस्तास ने कहा है कि यूरोपीय संघ के पुल, रेलवे, सुरंगे और सड़कें ऐसी नहीं है कि वे सैन्य परिवहन को झेल सकें. इनसे टैंको, सैनिकों और सैन्य आपूर्ति करना मुश्किल है.
त्जित्जिकोस्तास एक ग्रीक राजनेता है जो पिछले कई साल से ईयू के लिए परिवहन प्रमुख का काम कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर सेनाएं ही आगे नहीं बढ़ पाएंगीं तो क्षेत्र की रक्षा कैसे करेंगीं? उन्होंने कहा कि अगर रूस के किसी हमले का जवाब देने के लिए हमें टैंकों की जरूरत पड़ी तो वे सीमा पर लाने से पहले ही सुरंगों में फंस जाएंगे या फिर पुल के साथ नदी में गिर जाएंगे. इसके अलावा सीमा प्रोटॉकाल की वजह से भी देरी हो सकती है जो हमारी कमजोरी की वजह बन सकती है.
यूरोप का इंफ्रास्ट्रक्चर सैन्य परिवहन के लिए नहीं
यूरोपीय संघ के परिवहन प्रमुख ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि अगर हमें पश्चिमी यूरोप से पूर्वी हिस्से में सैन्य उपकरण भेजने में कई सप्ताह या महीनों तक लग सकते हैं. हमारे पास सड़कें हैं जो जर्जर हैं, पुल हैं लेकिन उन्हें हाईटेक करना है, पुल हैं जो इतने संकरे हैं कि उनसे टैंकों का निकलना मुश्किल है. कई पुल ऐसे हैं जिन्हें पूरा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यूरोप का बुनियादी ढांचा सैन्य परिवहन के लिए डिजाइन नहीं किया गया है.
EU की कमजोरी का कई रिपोर्ट में जिक्र
यूरोपीय संघ के देशों में सैन्य परिवहन की व्यवस्था न होने का कई रिपोर्टों में जिक्र किया गया है. इसमें यूरोप.Eu की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में मिलिट्री मोबिलिटी नाम की एक योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य यूरोप की सड़कों, पुलों और रेल नेटवर्क को दुरुस्त करना है ताकि सैन्य आवाजाही हो सके. नाटो की एक रिपोर्ट ने भी पुष्टि की है वह EU के साथ मिलकर ट्रांजिट परमिट, ट्रांसबॉर्डर सैन्य मूवमेंट, और इन्फ्रास्ट्रक्चर मानकों के सुधार पर काम कर रहा है. इससे पहले European Court of Auditors की 2022 में आई रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया था कि यूनियन की सड़कें और पुल सैन्य परिवहन के लायक नहीं हैं.
500 परियोजनाओं पर चल रहा काम
त्जित्जिकोस्तास के मुताबिक यूरोपीय संघ के देशों में सैन्य आवाजाही को आसान करने के लिए 500 बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसका मकसद सीमा पार करने में आसानी और नौकरशाही को लाल फीताशाही को कम करना है ताकि प्रोटॉकॉल आड़े न आए. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं की पहचान नाटो ने की है, इनकी लागत तकरीबन 17 बिलियन यूरो है.
जर्मनी से पौलेंड और नीदरलैंड तक चल रहा काम
2017 में यूरोपियन यूनियन की तरफ से शुरू की गई मिलिट्री मोबिलिटी योजना के तहत जर्मनी और पौलेंड के बीच हाईवे को इस तरह से बनाया जा रहा है, ताकि उन पर टैंक चल सकें. इसके अलावा नीदरलैंड में 200 से ज्यादा पुलों को अपग्रेड किया गया है ताकि वह Leopard-2 टैंक का भार झेल सकें. इस योजना के तहत अन्य देशों में भी पुलों और सड़कों को नाटो स्टैंडर्ड के हिसाब से मजबूत किया जा रहा है. इसके अलावा सीमा पार तक सैन्य मूवमेंट को फास्ट ट्रैक परमिट देने की योजना भी शामिल है.
मास्को ने कहा ये दावे बकवास
यूरोपियन यूनियन के रूस से तनाव की अटकलों को मॉस्को ने बकवास बताया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि पश्चिम अपने सैन्य बजट को सही ठहराने के लिए रूस को एक राक्षस की तरह दिखा रहा है. इसी तरह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी पश्चिमी नेताओं पर यूरोप को सीधे टकराव की ओर धकेलने का आरोप लगाया था.