भारतीय बैंकों (Indian banks) में हजारों करोड़ रुपये ऐसे हैं जिनके कोई दावेदार (unclaimed deposits) नहीं मिल रहे। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से दी जानकारी में कहा गया है कि जून तिमाही तक भारतीय बैकों में 67,003 करोड़ रुपये ऐसे हैं जिनके कोई भी दावेदार नहीं मिल रहे हैं।
भारतीय बैंकों (Indian banks) में हजारों करोड़ रुपये ऐसे हैं जिनके कोई दावेदार (unclaimed deposits) नहीं मिल रहे। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से दी जानकारी में कहा गया है कि जून तिमाही तक भारतीय बैकों में 67,003 करोड़ रुपये ऐसे हैं जिनके कोई भी दावेदार नहीं मिल रहे हैं। इसमें सबसे अधिक एसबीआई (State bank of india) के पास जमा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पूरे राशि का 29 प्रतिशत जमा है।
बता दें, ऐसे सेविंग और करेंट अकाउंट जिनको 10 साल से कोई ऑपरेट नहीं किया है उन्हें अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहते हैं। 10 साल के पूरा होने के बाद ये फंड डिपॉजिटरी एजुकेशन और अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
कहां कितना करोड़ रुपये है जमा?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के जवाब में बताया है कि 67,003 करोड़ रुपये का 87 प्रतिशत सरकारी बैंकों में जमा है। जोकि 58,330.26 करोड़ रुपये है। एसबीआई में अकेले ही 19,329.92 करोड़ रुपये जमा है। बता दें, पंजाब नेशनल बैंक में 6910.67 करोड़ रुपये, केनारा बैंक में 6278.14 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा में 5277.36 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 5104.50 करोड़ रुपये है। इन पैसों का कोई दावेदार नहीं मिल रहा है।
प्राइवेट बैंकों में भी जमा है करोड़ों रुपये
सारा पैसा सिर्फ सरकारी बैंकों में नहीं जमा है। 8673.72 करोड़ रुपये प्राइवेट बैंकों में भी जमा है। आईसीआईसीआई बैंक में 2063.45 करोड़ रुपये जमा हैं। इन पैसों पर भी कोई दावा नहीं कर रहा है।
तेजी से हो रहा है इस फंड में इजाफा
मार्च में संसद में एक पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 2022-23 की शुरुआत से अनक्लेड डिपॉजिट्स में तेज इजाफा हुआ है। औसतन तौर पर तब से हल साल 4500 करोड़ रुपये अधिक पैसा इस फंड में जा रहा है।