होम देश earthquake today 6 5 magnitude jolts Nicobar 6 3 hits Bay of Bengal no casualties tsunami ruled out पहले हिली बंगाल की खाड़ी, फिर इस इलाके में आया 6.5 तीव्रता का भूकंप; सुनामी का खतरा नहीं, India News in Hindi

earthquake today 6 5 magnitude jolts Nicobar 6 3 hits Bay of Bengal no casualties tsunami ruled out पहले हिली बंगाल की खाड़ी, फिर इस इलाके में आया 6.5 तीव्रता का भूकंप; सुनामी का खतरा नहीं, India News in Hindi

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भूकंप के असर को लेकर तटीय क्षेत्रों और द्वीपों पर अभी भी आकलन किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि स्थिति नियंत्रण में है। फिलहाल दो जोरदार भूकंपों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

मंगलवार, 29 जुलाई की सुबह बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के दो शक्तिशाली झटकों ने क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, पहला भूकंप 6.3 तीव्रता का था, जो बंगाल की खाड़ी में रात 12:11 बजे आया, जबकि दूसरा 6.5 तीव्रता का भूकंप निकोबार द्वीप समूह के पास रात 1:41 बजे दर्ज किया गया। दोनों भूकंपों की गहराई 10 किलोमीटर थी।

एनसीएस के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप का केंद्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास ही था। दूसरी ओर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) और यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सिस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) ने निकोबार द्वीप समूह के पास 6.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया, जिसका केंद्र ग्रेट निकोबार के कैंपबेल बे से लगभग 94 किमी पश्चिम में था। भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) ने स्पष्ट किया कि इस भूकंप से भारत में सुनामी का कोई खतरा नहीं है।

कोई हताहत या नुकसान नहीं

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इन भूकंपों से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, या ओडिशा में किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। भूकंप का असर तटीय क्षेत्रों और द्वीपों पर अभी भी आकलन किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि स्थिति नियंत्रण में है। यूएसजीएस ने अनुमान लगाया कि लगभग 25,000 लोग इन भूकंपों के हल्के झटकों को महसूस कर सकते हैं, लेकिन गंभीर नुकसान की संभावना कम है।

क्षेत्र की भूकंपीय स्थिति

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के सबसे अधिक भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है, जो सिस्मिक जोन V में आता है। यह क्षेत्र सुंडा मेगाथ्रस्ट के साथ स्थित है, जहां इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और सुंडा प्लेट एक-दूसरे से टकराती हैं। यह टेक्टोनिक गतिविधि इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों का कारण बनती है। 2004 में आए 9.1 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद की सुनामी ने इस क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 10,000 से अधिक लोगों की जान गई थी।

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आपदा प्रबंधन की तैयारी

हाल के भूकंपीय गतिविधियों को देखते हुए, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने 29 जुलाई से 1 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बड़े पैमाने पर आपदा प्रबंधन तैयारियों के लिए अभ्यास शुरू करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), भारतीय सेना और संबंधित राज्य सरकारें इस अभ्यास में समन्वय करेंगी, ताकि भूकंप और रासायनिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों में बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। यह अभ्यास पिछले सप्ताह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में 3.2 तीव्रता के हल्के भूकंप के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

भूकंप विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में बार-बार होने वाली भूकंपीय गतिविधियों पर चिंता जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में भूकंप असामान्य नहीं हैं, लेकिन इनकी गहराई और तीव्रता को समझने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल से टीमें भेजने का फैसला किया है, जो तटीय क्षेत्रों में इस भूकंप के प्रभाव का अध्ययन करेंगी।

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