होम विदेश ईरान ने 12 दिनों के युद्ध में ही अमेरिका के THAAD की निकाली हवा, CNN की रिपोर्ट से बढ़ी ट्रंप प्रशासन की चिंता

ईरान ने 12 दिनों के युद्ध में ही अमेरिका के THAAD की निकाली हवा, CNN की रिपोर्ट से बढ़ी ट्रंप प्रशासन की चिंता

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इजराइल के साथ 12 दिनों तक चली ईरान-इजराइल की जंग में अमेरिका को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. CNN की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जून में हुए इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका ने अपने THAAD मिसाइल इंटरसेप्टर्स का 25 फीसद भंडार खर्च कर दिया, जिससे भविष्य की मिसाइल रक्षा क्षमता पर चिंता बढ़ गई. अमेरिकी सेना ने 100150 THAAD इंटरसेप्टर्स दागे, जो ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए इजराइल की मदद कर रहे थे.

अमेरिका की कंपनी ने 2024 में सिर्फ 11 नए THAAD इंटरसेप्टर्स बनाए हैं, जबकि 2025 में 12 और खरीदने की योजना है. 2026 तक 37 इंटरसेप्टर्स की खरीद का प्रस्ताव है. जानकारों के मुताबिक इंटरसेप्टर्स की खपत दर उत्पादन क्षमता से कहीं ज्यादा है, जिससे भंडारण स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया है.

अमेरिका अपने रक्षा औद्योगिक को मजबूत करने में लगा

पेंटागन 2026 के बजट में आपूर्ति श्रृंखला सुधार (1.3 बिलियन डॉलर) और मिसाइल उत्पादन (2.5 बिलियन डॉलर) को प्राथमिकता दे रहा है. अमेरिका को ईरान और रूस के हालिया हमलों से इस बात का एहसास हो गया है कि उसकी हालिया एयर डिफेंस उनके आक्रामक रुख के लिए नाकाफी है.

जंग का कितना पड़ा असर

12 दिनों तक चले संघर्ष में ईरान ने 500 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 86 फीसद को ही रोका जा सका. THAAD और इजराइल की एरो सिस्टम ने मिलकर 201 मिसाइलें (कुल का 35फीसद) इंटरसेप्ट कीं, जिनमें से 57 आबादी वाले इलाकों में लक्षित थीं.

ईरान ने युद्ध के आखिरी दौर में उन्नत मिसाइलें (वारहेड और छद्म हथियारों से लैस) इस्तेमाल कीं, जिससे इंटरसेप्शन दर 8 फीसद से गिरकर 25 फीसद रह गई.

दुनिया के कई हिस्सें में तैनात है THAAD

अमेरिका के पास 7 THAAD बैटरियां हैं, जिनमें से 2 मध्य पूर्व में तैनात हैं. अन्य गुआम, दक्षिण कोरिया और टेक्सास में हैं. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी THAAD का इस्तेमाल करता है.

THAAD एक दुर्लभ संसाधन है और बार-बार इस तरह के संघर्षों में इसे इस्तेमाल करना अमेरिका के लिए टिकाऊ नहीं होगा. एक साथ कई संघर्षों की स्थिति में मिसाइल रक्षा प्रणाली की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं. CNN की इस रिपोर्ट ने अमेरिकी अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है.

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