जब विदेश मंत्री ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार की तरफ से अपनी बात रख रहे थे, तब विपक्ष बार-बार उन्हें टोक रहा था। इस पर अमित शाह भड़क गए और विपक्ष को खरी-खोटी सुनाई।
सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बहस के दौरान सदन का माहौल गरमा गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर जब भारत की कूटनीतिक रणनीति और हमले पर सरकार की प्रतिक्रिया पर बयान दे रहे थे, तो विपक्षी सांसदों ने बार-बार उन्हें बीच में टोकना शुरू कर दिया। इस पर गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए और विपक्ष पर तीखा हमला किया कि क्या आप अपने ही देश के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं करेंगे?
विपक्ष को किसी और देश पर भरोसा- अमित शाह
अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा,”मुझे आपत्ति है कि इन्हें भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, लेकिन किसी और देश पर है। मैं समझता हूं कि इनके दल में ‘विदेशियों’ का महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विदेशी एजेंडा यहां संसद में थोपा जाए। यही वजह है कि आप लोग विपक्ष में बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठेंगे।”
जयशंकर ने भारत की विदेश नीति का बचाव किया
इससे पहले, एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक सफलता को गिनाया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को अब वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह भारत की लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का परिणाम है।
पाक में आतंक के ठिकानों को ध्वस्त किया
जयशंकर ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके जैसे आतंकी ठिकानों पर वैश्विक कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, “किसने सोचा था कि इन ठिकानों को भी इस तरह ध्वस्त किया जाएगा?” उन्होंने इसे भारत की बढ़ती वैश्विक साख और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख का नतीजा बताया।
दुनिया ने पहलगाम हमले की निंदा की
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि क्वाड और ब्रिक्स जैसे समूहों के साथ-साथ कई देशों ने पहलगाम हमले की खुलकर निंदा की है। उन्होंने कहा, “जर्मनी की विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि भारत को आतंक के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वे हमारे साथ हैं। फ्रांस और यूरोपीय संघ से भी इसी तरह के समर्थन भरे बयान आए हैं।”