राज ठाकरे की पार्टी MNS के कार्यकर्ता पिछले कुछ हफ्तों से मुंबई और सटे उपनगरीय इलाकों में गैर मराठी लोगों को निशाना बनाते रहे हैं लेकिन इस बार कल्याण इलाके में एक कोचिंग संचालक की पिटाई की है लेकिन इस बार बहाना नया है।
विपक्षी नेता राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं की गुंडई रोके नहीं रुक रही है। अब MNS के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के पास कल्याण इलाके में एक कोटिंग सेंटर के संचालक को निशाना बनाया है और उनके दफ्तर में घुसकर उनसे मारपीट की है। कोचिंग सेंटर के हेड सिद्धार्थ सिंह चंदेल पर हुए इस हमले की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 2.30 मिनट के इस छोटे से वीडियो में MNS के तीन कार्यकर्ताओं को चंदेल के दफ्तर में उनके सामने बैठे देखा जा सकता है।
सिद्धार्थ सिंह चंदेल कल्याण इलाके में सिद्धार्थ लॉजिक कोचिंग सेंटर चलाते हैं, जो छात्रों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है। MNS के लोग इस बात से नाराज थे कि चंदेल विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूलते हैं, जबकि खुद कोई क्लास भी नहीं लेते। वीडियो में दिख रहा है कि चंदेल, जो उस वक्त मोबाइल फोन पर बात कर रहे हैं, गुंडों को शांत करने की कोशिश करते हैं लेकिन स्थिति बहुत तेजी से बिगड़ गई।
तीन लोगों ने कोचिंग संचालक को पीटा
वीडियो में कुछ ही सेकंड बाद दिख रहा है कि एक शख्स चंदेल को थप्पड़ जड़ देता है और दूसरा शख्स उन पर स्टेनलेस स्टील की बोतल फेंक देता है। इस घटना से अचंभित चंदेल उन्हें फिर से शांत करने की कोशिश करते हैं लेकिन तभी एक तीसरा आदमी चंदेल पर एक लकड़ी की पट्टिका फेंक मारता है। इसी दौरान उसी कमरे में कोने में कुछ लड़कियां सहमी हुई हैं, जिन्होंने अपने मोबाइल फोन में इस वाकये को कैद कर लिया।
राज ठाकरे को नहीं कोई मलाल या अफसोस
बड़ी बात ये है कि कुछ दिनों पहले तक MNS के कार्यकर्ता भाषा विवाद और मराठी अस्मिता को मुद्दा बनाकर गैर मराठियों पर हमले बोल रहे थे, वे अब नई गुंडई पर उतारू हो चुके हैं। बहरहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि हाल ही में MNS के लोगों ने मीरा रोड और विक्रोली में कुछ दुकानदारों और प्रवासी ऑटो चालकों को पीटा था। लेकिन अब तक ना तो पार्टी का तरफ से और न ही राज ठाकरे की तरफ से इस बाबत कोई खेद प्रकट किया गया है। उलटे ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से गैर मराठियों को पीटते वक्त वीडियो नहीं बनाने की नसीहत दी थी।