होम नॉलेज कितना करंट मौत की वजह बनता है? बाराबंकी के औसानेश्वर मंदिर में भगदड़ का कारण बना

कितना करंट मौत की वजह बनता है? बाराबंकी के औसानेश्वर मंदिर में भगदड़ का कारण बना

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बाराबंकी के मंदिर में करंट से मची भगदड़ में 2 श्रद्धालुओं की मौत और कई घायल हो गए.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित औसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को भगदड़ मच गई. हादसे में 2 की मौत और 29 लोग घायल हैं. करंट फैलने के कारण भगदड़ के हालात बने और भागने के दौरान लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए निकलते गए. डीएम शशांक त्रिपाठी का कहना है, कुछ बंदर बिजली के तारों पर कूदे और वो तार टूटकर मंदिर परिसर के टिन शेड पर गिरा. इससे करंट फैल गया .

अब सवाल है कि करंट कब जानलेवा बन जाता है. करंट तब जानलेवा बन जाता है कि यह एक तय लिमिट से अधिक होकर शरीर में पहुंचता है. हालांकि, यह भी जरूरी फैक्टर है कि कोई शख्स कितने समय तक कितने करंट और कितने समय तक उसकी चपेट में रहा है. करंट का सीधा असर दिल और दिमाग पर होता है.

यही वजह है कि इन दोनों अंगों पर जितना समय असर होगा, जान जाने का खतरा उतना ही ज्यादा होगा. जानिए कितना करंट जान ले सकता है.

कितना करंट ले लेता है जान?

फिजिकल थैरेपी एंड रिहेब्लिटेशन जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, करंट से इंसान को कितना झटका लगेगा, यह बात पर निर्भर करता है कि इंसान को कितने झटके से करंट लगा है. करंट का कितना झटका कितना खतरनाक इसे एम्पियर में समझा जा सकता है.

  • 0.001 एम्पियर का करंट लगने पर शरीर में झुनझुनी या हल्का झटका महसूस होता है.
  • 0.0050.01 एम्पियर का करंट लगने पर मांसपेशियों में ऐंठन होती है और हाथ छोड़ना मुश्किल होने लगता है.
  • 0.030.07 एम्पियर के हालात में सांस लेने में दिक्कत, दिल की धड़कन अनियमित होने जैसे मामले सामने आते हैं.
  • 0.1 एम्पियर करंट लगने पर हार्ट फेल होने और मौत का खतरा रहता है.
  • 1 एम्पियर या इससे अधिक का करंट होने पर सीधा ब्रेन पर असर होता है. शरीर पर जलन और तत्काल मौत हो सकती है.
  • इसे वोल्टेज में समझें तो 50 वोल्ट से भी अधिक का AC करंट खतरनाक साबित हो सकता है.

उदाहरण से समझें,वोल्टेज और एम्पियर का फंडा

आमतौर पर लोग वोल्टेज और एम्पियर में फर्क नहीं कर पाते. वोल्टेज के मुकाबले ज्यादा एम्पियर का करंट ज्यादा जानलेवा होता है. इंसान की जान लेने की स्थिति में अकेला वोल्टेज जिम्मेदार नहीं होता, ज्यादा एम्पियर का करंट जान लेने की वजह बनता है. अब दोनों के अंतर को समझ लेते हैं.

आसान भाषा में समझें तो वोल्टेज एक दबाव है जो इलेक्ट्रॉनों को धकेलता है. वहीं, एम्पियर बताता है कि करंट में कितने इलेक्ट्रॉन बह रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं, करंट में वोल्टेज से ज्यादा अधिक एम्पियर का होना खतरनाक है. ऐसा क्यों है इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं.

मान लीजिए बिजली एक पानी का पाइप है. वोल्टेज पानी को धकेलने के लिए दबाव बनाता है, लेकिन एम्पियर उस पाइप से हर सेकंड निकलने वाले पानी की मात्रा है. ये दोनों जरूरी हैं. अगर दबाव (वोल्टेज) नहीं होगा तो बहाव (करंट) नहीं होगा, और अगर पाइप में बहाव (एम्पियर) नहीं होगा तो कुछ भी काम नहीं करेगा.

यानी वोल्टेज के जरिए कितना जोर देकर इलेक्ट्रॉन को धकेला गया और एम्पियर के कारण कितने इलेक्ट्रॉन बह रहे हैं. दोनों मिलकर पावर बनाते हैं.

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